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Pahalgam attack की निंदा, आतंकियों को 'जाहिल' बताया, मुस्लिमों को निशाना बनाना गलत: Maulana Arshad Madani

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तीव्र निंदा करते हुए कहा है कि इस्लाम किसी बेगुनाह की हत्या की इजाजत नहीं देता।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, आईएनएस: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तीव्र निंदा करते हुए कहा है कि इस्लाम किसी बेगुनाह की हत्या की इजाजत नहीं देता और इस घटना को आधार बनाकर मुस्लिमों या कश्मीरी लोगों को निशाना बनाना सरासर गलत है। उन्होंने आतंकवादियों को 'जाहिल' करार देते हुए कहा कि वे इस्लाम की शिक्षाओं से अनभिज्ञ हैं।

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हमलावर इस्लाम के नाम पर कलंक, निर्दोषों का कत्ल हराम

रविवार को दिल्ली में जमीयत की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मदनी ने कहा, “जो लोग मजहब पूछकर लोगों को मारते हैं, वे जाहिल हैं। इस्लाम में किसी भी निर्दोष व्यक्ति की हत्या हराम है। ऐसे लोग इस्लाम के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में शांति बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और किसी एक घटना के आधार पर पूरे समुदाय को दोषी ठहराना नाइंसाफी है।

सजा दोषियों को मिले, निर्दोषों को न सताया जाए

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मौलाना मदनी ने पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में जिनके घर ढहाए गए हैं, उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर सरकार को 100 फीसदी यकीन है कि वे लोग इस हमले में शामिल थे, तो कार्रवाई जायज है। लेकिन अगर निर्दोषों को निशाना बनाया गया है, तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, मगर यह सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है कि निर्दोष नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

आतंकवाद का स्रोत बंद करें, चाहे वह पाकिस्तान हो या कोई और

हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका संबंधी एक सवाल पर मौलाना मदनी ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि सरकार को उस स्रोत को बंद करना चाहिए जहां से आतंकवाद फैल रहा है। उन्होंने कहा, “अगर किसी देश की धरती, हथियार और लोग आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं – चाहे वह पाकिस्तान हो, अमेरिका, चीन या हिंदुस्तान ही क्यों न हो – तो मैं उसकी निंदा करता हूं।”

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मुस्लिमों और कश्मीरियों को निशाना बनाना निंदनीय

देश के विभिन्न हिस्सों में पहलगाम हमले के बाद मुस्लिम और कश्मीरी समुदाय के लोगों को निशाना बनाने की घटनाओं पर उन्होंने कहा, “यह नफरत फैलाने की नीति का नतीजा है। सरकार को चाहिए कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। मुल्क में शांति कायम रहनी चाहिए और जो लोग इसे भंग करते हैं, वे मुजरिम हैं।”

अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों पर कार्रवाई सही

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अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर मौलाना मदनी ने कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसकी आड़ में पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा के बांग्लाभाषी नागरिकों को परेशान करना गलत है। पाकिस्तान के साथ युद्ध संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि जंग किसी समस्या का हल नहीं है और इसके गंभीर आर्थिक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने वक्फ संशोधन कानून की आलोचना दोहराते हुए कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया गया है, इससे इन संपत्तियों की सुरक्षा नहीं होगी, बल्कि वे छीनी जाएंगी।

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