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कांग्रेस का आरोप या सच्चाई? क्या वाकई बिहार में फर्जी वोटर हैं? CEC ज्ञानेश कुमार ने किया बड़ा वादा! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।बिहार की मतदाता सूची में गड़बड़ी के कांग्रेस के गंभीर आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि इस बार जुलाई से अगस्त के बीच पारदर्शिता से सूची अपडेट की जाएगी, जिसमें सभी दल सहयोग कर रहे हैं। यह कदम आगामी चुनावों में निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
हाल ही में, कांग्रेस पार्टी ने बिहार की मतदाता सूची में कई विसंगतियों का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग (EC) से शिकायत की थी। इन आरोपों में फर्जी मतदाताओं के नाम और कुछ वास्तविक मतदाताओं के नाम गायब होने जैसी बातें शामिल थीं, जिसने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी। क्या ये आरोप निराधार हैं या इसमें कुछ सच्चाई है? यह सवाल बिहार चुनाव के मद्देनजर और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
चुनाव आयोग की सफाई: हर शिकायत पर होगी कार्रवाई
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, फिरोजाबाद में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को हर चुनाव से पहले अपडेट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है। उन्होंने स्वीकार किया कि लगभग सभी राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची के अशुद्ध होने की शिकायत की है और इसे शुद्ध करने की मांग की है। यह दर्शाता है कि मतदाता सूची की शुद्धता एक व्यापक चिंता का विषय है।
"कानून के अनुसार हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना आवश्यक होता है...लगभग हर राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के अशुद्ध होने की शिकायत की और कहा कि मतदाता सूची को शुद्ध करना है।" - मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार
यह बयान चुनाव आयोग की गंभीरता को दर्शाता है। लेकिन, सवाल यह है कि क्या इस बार वास्तव में चीजें बदलेंगी?
#WATCH फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश: बिहार की मतदाता सूची में विसंगतियों के कांग्रेस के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, "कानून के अनुसार हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करना आवश्यक होता है...लगभग हर राजनीतिक दल ने मतदाता सूची के अशुद्ध होने की शिकायत की और कहा… pic.twitter.com/hF3Ug9Fd62
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 5, 2025
जुलाई-अगस्त में होगा 'वोटर लिस्ट शुद्धिकरण' अभियान
CEC ने बताया कि इस बार बिहार में जुलाई से अगस्त के बीच गणना फॉर्म बांटे जाएंगे और वापस भी लिए जाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इसमें सहयोग कर रही हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि मतदाता सूची सत्यापन एक सामूहिक प्रयास है।
1 लाख से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारी: ये अधिकारी इस विशाल कार्य में लगाए जाएंगे ताकि हर घर तक पहुंचा जा सके।
पूरी पारदर्शिता: CEC ने जोर दिया कि मतदाता सूची सभी लोगों के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ बनाई जाएगी। इसका मतलब है कि आम जनता भी इस प्रक्रिया की निगरानी कर पाएगी।
यह प्रक्रिया स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव के लिए आधारशिला बनेगी। अगर यह अभियान सफलतापूर्वक लागू होता है, तो मतदाता सूची से जुड़ी शिकायतें काफी हद तक कम हो सकती हैं।
राजनीतिक दलों की भूमिका: सहयोग या आरोप-प्रत्यारोप?
CEC के अनुसार, सभी राजनीतिक दल इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं। यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी के बिना मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाना बेहद मुश्किल है। अतीत में, कई बार राजनीतिक दलों ने ही इन सूचियों पर सवाल उठाए हैं। इस बार उनका सहयोग बिहार चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ाएगा।
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