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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | 10 मई की शाम को जैसे ही अमेरिका की मध्यस्थता में भारत-पाकिस्तान द्वारा सीजफायर पर सहमती का ऐलान हुआ, सीमा पर शांती और देश के भीतर की हलचल तेज हो गई। यह हलचल सबसे ज्यादा देश की राजनीतिक गलियारों में देखी गई। हालांकि ये सीजफायर 3 घंटे भी नहीं चला, पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारत के जम्मू-कश्मीर समेत कई शहरों में हमले किए। लेकिन सीजफायर और इसमें अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर विपक्ष सरकार से सवाल कर रही है।
'पाकिस्तान और चीन को दूर रखना भारत की विदेश नीति का सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए था... लेकिन मोदी सरकार इसमें FAIL हो गई है'
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
आज जहां पाकिस्तान हमें ललकार रहा है, वहीं चीन ने सरेआम उसका साथ देने का ऐलान कर दिया है। ये भारतीय विदेश नीति के लिए एक कड़ी चुनौती है।
राहुल गांधी जी ने… pic.twitter.com/WJEoHVfU6w
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम को युद्धविराम हुआ। इसकी घोषणा के बाद विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और सर्वदलीय बैठक की मांग की है। बीजेपी के अनुसार, युद्धविराम भारत की शर्तों पर हुआ है। बता दें, सीमा समझौते की खबर आते ही कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आज इंदिरा गांधी की कमी खल रही है। इसी के बाद से पक्ष-विपक्ष के बीच बयानबाजी शुरू हो गई। विपक्ष के कई नेता संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने लगे। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर विपक्ष के सर्वसम्मत अनुरोध को दोहराया है कि पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा पहली बार घोषित भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए। वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पत्र लिखा, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और पहले वाशिंगटन डीसी और बाद में भारत और पाकिस्तान सरकारों द्वारा की गई युद्ध विराम घोषणाओं पर चर्चा करने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया।
My letter to PM Shri @narendramodi requesting to convene a special session of the Parliament to discuss the Pahalgam Terror Attack, Operation Sindoor and the Ceasefire announcements first from Washington DC and later by the Governments of India and Pakistan. pic.twitter.com/bhHf3euTkk
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 11, 2025
LoP Shri @RahulGandhi writes to PM Modi, reiterating the unanimous request of the Opposition to convene a special session of Parliament immediately to discuss the Pahalgam terror attack, Operation Sindoor and the India-Pakistan ceasefire, first announced by U.S. President Trump. pic.twitter.com/AhKRjRsunk
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
सर्वदलीय बैठक की भी मांग
संसद के विशेष सत्र के साथ ही कांग्रेस ने सरकार से एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। यह मांग पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने उठाई। संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर आरजेडी सांसद मनोज झा और वरिष्ठ वकील व राज्यसभा के निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने भी समर्थन जताया। सिब्बल ने कहा, “हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और उसमें सर्वदलीय बैठक हो। मैं सभी राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि जब तक प्रधानमंत्री के शामिल होने का स्पष्ट आश्वासन न मिले, तब तक वे बैठक का हिस्सा न बनें। अगर आज डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते, तो न केवल विशेष सत्र बुलाया जाता, बल्कि वे खुद बैठक में भी शामिल होते।”
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए,…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2025
ट्रप की मध्यस्थता पर उठ रहे सवाल
बता दें, भारत-पाक युद्ध विराम का सबसे पहले ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रप ने किया। इसको लेकर भी विपक्ष ने सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। कपिल सिब्बल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट से स्पष्ट होता है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, इस बयान को लेकर कई अहम सवाल खड़े होते हैं—भारत-पाकिस्तान के बीच किस समझौते के तहत यह पेशकश हुई, कब और कैसे बातचीत हुई—इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इसलिए फिलहाल हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन ज़रूरी है कि इन सभी सवालों के स्पष्ट जवाब देश के सामने आएं।
We salute defence forces for befitting reply, people are with them. I had asked for a special session of Parliament, we did not get answer. Since there has been a ceasefire, we will ask again. We cannot wait till Monsson Session, if we don't get answers, there would be acrimony. pic.twitter.com/OchNHkR38U
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 11, 2025
अंतरराष्ट्रीयकरण करना बेहद आश्चर्यजनक
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भी ट्रप की मध्यस्थता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है। हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की। यह शायद पहली बार हुआ है, जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है, हमें उस पर भी ध्यान देना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच जो मसला है, उसका अंतरराष्ट्रीयकरण करना बेहद आश्चर्यजनक है।
पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है। हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की।
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
यह शायद पहली बार हुआ है, जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया… pic.twitter.com/V3jyH8gktX
यह भारत की संप्रभुता पर हमला
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी ट्रप की दखअंदाजी पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्ववीटर पर लिखा- प्रधानमंत्री जी अमेरिका को बाप बनने नहीं दिया जाय! युद्धविराम हो लेकिन भारत की शर्तों पर हो भारत जैसे महान देश के संबंध में घोषणा, अमेरिकी राष्ट्रपति किस हैसियत से कर रहा है? यह भारत की संप्रभुता पर हमला है।
प्रधानमंत्री जी
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 10, 2025
अमेरिका को बाप बनने नहीं दिया जाय!
युद्धविराम हो लेकिन भारत की शर्तों पर हो
भारत जैसे महान देश के संबंध में घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति किस हैसियत से कर रहा है?
यह भारत की संप्रभुता पर हमला है। pic.twitter.com/4e94etZ6kr
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