Advertisment

Colonel Sophia Qureshi पर विवादित टिप्पणी मामला, एसआईटी ने Supreme Court से मांगा और समय

यह मामला कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़ा है, जिसने देशभर में आक्रोश पैदा किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था।

author-image
Ranjana Sharma
Supreme Court
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में गठित की गई एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है। एसआईटी ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है।त 

Advertisment

सात गवाहों के बयान हुए दर्ज

एसआईटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच अभी शुरुआती दौर में है और बयान का वीडियो भोपाल में एफएसएल को भेजा गया था, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते वापस आ गया। साथ ही एक पत्रकार का मोबाइल भी एफएसएल को भेजा गया है। इस मामले में अभी तक सात गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं और एसआईटी ने घटना से संबंधित वीडियो और मीडिया रिपोर्टों का अध्ययन किया है।

जांच पूरी करने के लिए मांगा समय 

Advertisment

एसआईटी ने स्टेटस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है। इससे पहले, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वह विशेष जांच दल (एसआईटी) की उस स्थिति रिपोर्ट को स्वीकार करे, जो मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों की जांच के संबंध में दायर की गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री से एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड पर लेने को कहा था।

ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए विजय शाह ने दिया था विवादित बयान

बता दें कि विजय शाह ने भारत के सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में बात करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। मंत्री के इस बयान के बाद देशव्यापी आक्रोश फैल गया था। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक महिला आईपीएस अधिकारी सहित मध्य प्रदेश कैडर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था, जो भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152, 196(1)(बी) और 197 के तहत शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करेगी।

Advertisment

एफआईआर की जांच तत्काल एसआईटी को सौंपी जाएगी

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने 19 मई को अपने आदेश में कहा था कि एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक के पद से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा और शेष दो सदस्य भी पुलिस अधीक्षक या उससे ऊपर के पद के होंगे। संबंधित एफआईआर की जांच तत्काल एसआईटी को सौंपी जाएगी।

Advertisment
Advertisment