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क्या COVID वैक्सीन से आ रहे हार्ट अटैक? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR का बड़ा खुलासा! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । हाल ही में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों ने पूरे देश को चिंतित कर दिया है। सोशल मीडिया पर इसे कोविड वैक्सीन से जोड़ा जा रहा था, लेकिन अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR ने बड़ा खुलासा किया है। एक विस्तृत अध्ययन के बाद उन्होंने साफ किया है कि इन अचानक मौतों का कोविड वैक्सीनेशन से कोई संबंध नहीं है। असली वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
पिछले कुछ समय से, भारत में युवाओं, खासकर 40 साल से कम उम्र के लोगों में अचानक दिल का दौरा पड़ने के मामले तेजी से बढ़े हैं। सोशल मीडिया पर इन घटनाओं को कोविड-19 वैक्सीन से जोड़ा जा रहा था, जिससे लोगों में डर और भ्रम की स्थिति बन गई थी। हर तरफ एक ही सवाल था - क्या वैक्सीन सच में जानलेवा है? इस बढ़ती चिंता को देखते हुए, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने मिलकर एक गहन अध्ययन किया, जिसके नतीजे अब सामने आ गए हैं।
भ्रम टूटा: वैक्सीन नहीं, ये हैं असली दुश्मन!
ICMR और AIIMS ने देश के 19 राज्यों में फैले 47 अस्पतालों में 18 से 45 साल की उम्र के लोगों पर यह महत्वपूर्ण शोध किया। इस बड़े पैमाने के अध्ययन का मकसद युवाओं में हुई अचानक मौतों के पीछे की वास्तविक वजहों का पता लगाना था। रिपोर्ट के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं, लेकिन साथ ही राहत देने वाले भी हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड वैक्सीन और अचानक हुई मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। तो फिर क्या है वह कारण जो हमारे युवाओं की जान ले रहा है?
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों की अचानक मृत्यु हुई, उनमें से अधिकांश पहले से ही कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे या उनकी जीवनशैली ठीक नहीं थी। दूसरे शब्दों में, लाइफस्टाइल और पहले से मौजूद बीमारियां (Pre-Existing Conditions) ही इन दुखद घटनाओं के पीछे मुख्य कारण हैं। यह खबर उन सभी अफवाहों और आशंकाओं पर विराम लगाती है जो कोविड-19 वैक्सीन के इर्द-गिर्द घूम रही थीं।
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किन बीमारियों ने बढ़ाई मुसीबत?
अध्ययन में यह बात सामने आई कि जिन युवाओं को अचानक दिल का दौरा पड़ा, उनमें से कई को पहले से ही हृदय संबंधी समस्याएं थीं, जैसे कि उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज), या कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर। कुछ मामलों में, लोगों को दिल की छिपी हुई बीमारियां थीं, जिनके बारे में उन्हें खुद भी जानकारी नहीं थी।
इसके अलावा, अस्वस्थ जीवनशैली एक बड़ा कारक बनकर उभरी है। अनियमित खानपान, व्यायाम की कमी, तनाव, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन - ये सभी ऐसे कारक हैं जो हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाते हैं। युवा पीढ़ी में देर रात तक जागना, जंक फूड का अधिक सेवन और शारीरिक निष्क्रियता आम होती जा रही है, जो उनके दिल के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है।
महामारी का अनकहा असर: क्या बदला है?
कोरोना महामारी ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गईं, खानपान की आदतें बदल गईं और तनाव का स्तर भी बढ़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों ने भी अप्रत्यक्ष रूप से हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाया है। भले ही कोविड-19 वैक्सीन सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण न हो, लेकिन महामारी के दौरान बनी जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ICMR की इस रिपोर्ट का समर्थन किया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। उनका जोर इस बात पर है कि लोगों को अपनी जीवनशैली में सुधार लाना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए।
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डॉक्टरों की सलाह: कैसे बचाएं अपना दिल?
ICMR और AIIMS के इस अध्ययन ने एक बार फिर स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को उजागर किया है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों की सलाह है कि युवाओं को अपने दिल का ख्याल रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए:
नियमित व्यायाम: हर दिन कम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें। इसमें तेज चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या कोई भी खेल शामिल हो सकता है।
संतुलित आहार: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन को अपने आहार में शामिल करें। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (Processed Foods), शक्कर और अत्यधिक नमक से बचें।
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान या हॉबी के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें। अत्यधिक तनाव भी हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
धूम्रपान और शराब से दूरी: ये दोनों चीजें हृदय रोगों के जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं।
नियमित स्वास्थ्य जांच: खासकर अगर आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा है, तो नियमित जांच करवाना बहुत जरूरी है। इससे किसी भी संभावित समस्या का समय रहते पता चल सकेगा।
यह अध्ययन न केवल कोविड वैक्सीन के बारे में फैले डर को कम करेगा, बल्कि लोगों को अपनी जीवनशैली और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने के लिए भी प्रेरित करेगा। यह एक वेक-अप कॉल है कि हमें अपने दिल का ख्याल रखना होगा, क्योंकि यह हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। कोविड वैक्सीन सुरक्षित है और इसने लाखों लोगों की जान बचाई है, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली का कोई विकल्प नहीं है।
भारत में बढ़ती हृदय रोगों की दर एक गंभीर चिंता का विषय है, और इस शोध ने हमें सही दिशा दिखाई है। अब समय आ गया है कि हम अपनी आदतों में सुधार करें और एक स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ें।
आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? क्या आप भी मानते हैं कि हमारी जीवनशैली में बदलाव जरूरी है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें!
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