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क्रिकेट–करप्शन–500 करोड़! क्या के. कविता और KTR पर CID की नजर? कौन आएगा गिरफ्त में?

तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन ने CID से HCA में 500 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार, जिसमें वित्तीय अनियमितताएं, चयन में धांधली, और राजनेताओं की संलिप्तता शामिल है, की गहन जांच का आग्रह किया है। यह मामला क्रिकेट के भविष्य को खतरे में डाल सकता है।

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Ajit Kumar Pandey
क्रिकेट–करप्शन–500 करोड़! क्या के. कविता और KTR पर CID की नजर? कौन आएगा गिरफ्त में? | यंग भारत न्यूज

क्रिकेट–करप्शन–500 करोड़! क्या के. कविता और KTR पर CID की नजर? कौन आएगा गिरफ्त में? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में हुए कथित भ्रष्टाचार, चयन में धांधली और वित्तीय अपराधों की गहन जांच के लिए CID को पत्र लिखा है। इसमें एमएलसी के. कविता, केटीआर एमएलए और एचसीए के पूर्व निदेशक एई सहित शीर्ष परिषद के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जो क्रिकेट के भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं।

हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) आजकल भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन (TCA) ने CID को एक चौंकाने वाला पत्र लिखा है, जिसमें HCA में कथित वित्तीय अनियमितताओं, चयन में धांधली और संगठनात्मक कुप्रबंधन की गहन जांच की मांग की गई है। यह मामला सिर्फ क्रिकेट की पिच तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार बड़े राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़े होने का आरोप है, जिनमें एमएलसी के. कविता और केटीआर यानि केटी रामा राव एमएलए का नाम भी शामिल हैं।

यह पूरा मामला तब सामने आया जब TCA ने HCA के खिलाफ CID में शिकायत दर्ज की। आरोप है कि पिछले 10 सालों में HCA में 500 से 600 करोड़ रुपये का भारी-भरकम घोटाला हुआ है। यह सिर्फ पैसों का हेरफेर नहीं, बल्कि क्रिकेट के खेल की पवित्रता और युवा खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। यह कहानी सिर्फ एक क्रिकेट संस्था के पतन की नहीं, बल्कि सत्ता, प्रभाव और लालच के घातक गठजोड़ की है।

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धोखाधड़ी का जाल: कैसे बुना गया HCA में भ्रष्टाचार का ताना-बाना?

TCA के पत्र में कहा गया है कि एचसीए में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसमें सिर्फ वित्तीय अनियमितताएं नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के चयन में पक्षपात, पैसों के लिए मैच फिक्सिंग और यहां तक कि आईपीपीएल के टिकटों की बिक्री में भी धांधली का आरोप है। यह एक ऐसा मकड़जाल है जिसमें क्रिकेट के कई बड़े नाम फंसे हुए दिख रहे हैं।

खिलाड़ियों का शोषण: आरोप है कि क्रिकेटरों के माता-पिता से धन वसूला गया, टीम चयन में पैसे का लेन-देन हुआ और यहां तक कि पिछले दरवाजे से एंट्री भी दी गई।

फर्जीवाड़े की हद: HCA के खातों में फर्जीवाड़े और ब्लैकमेलिंग के जरिए लाखों-करोड़ों रुपये का हेरफेर किया गया।

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न्यायिक आदेशों की अवहेलना: माननीय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का भी उल्लंघन किया गया।

ये आरोप इतने गंभीर हैं कि अगर ये सच साबित होते हैं, तो तेलंगाना क्रिकेट का चेहरा हमेशा के लिए बदल जाएगा।

2019 से 2022 तक: भ्रष्टाचार का स्वर्णकाल?

TCA ने अपनी शिकायत में विशेष रूप से 2019 से 2022 की अवधि पर ध्यान केंद्रित किया है। इस दौरान HCA के कार्यालय पदाधिकारियों, जैसे एमडी. अझरुद्दीन, जॉन मनोज, आर. विजयानंद, पुरुषोत्तम अग्रवाल और सुरेंद्र अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगे हैं। कहा गया है कि इन व्यक्तियों ने "भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और अनुचित निर्णय" लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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न्यायमूर्ति लोध समिति की रिपोर्ट और वेणुका प्रताप का मामला

यह पहली बार नहीं है जब HCA विवादों में घिरा है। न्यायमूर्ति आर.एम. लोध समिति ने भी 2017 में अपनी एक रिपोर्ट में HCA में कई अनियमितताओं का उल्लेख किया था। इसके अलावा, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की 31 जुलाई, 2023 की रिपोर्ट में एचसीए के निलंबित सदस्य वनका प्रताप के मामले में भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। इन रिपोर्टों ने एचसीए में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर किया था।

प्रताप का नाम और बड़े नामों का जुड़ाव

वनका प्रताप, जिन पर एचसीए में धांधली के आरोप हैं, को पहले भी एचसीए लीग चलाने के लिए नामित किया गया था। इस दौरान HCA में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं देखी गईं। रिपोर्टों में कहा गया है कि राज्य सरकार के विकास अधिकारियों के साथ मिलकर अनियमितताएं की गईं। आरोपों में यह भी कहा गया है कि एचसीए में भ्रष्टाचार के पीछे कई प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिनमें राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं।

क्या बीसीसीआइ को भी थी खबर?

TCA ने BCCI से भी सवाल किया है कि पिछले 10 सालों में HCA को 500-600 करोड़ रुपये का फंड कहां से आया? और क्यों हैदराबाद में कोई ठोस क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना? HCA ने इस फंड का उपयोग संपत्ति खरीदने या व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया है, न कि क्रिकेट के विकास के लिए। यह सवाल उठाता है कि क्या BCCI इन अनियमितताओं से अनजान थी, या उसने जानबूझकर अनदेखी की?

मीडिया और राजनीतिक हस्तियां: एक खतरनाक गठजोड़?

शिकायत में विशेष रूप से एमएलसी के. कविता और केटी रामा राव एमएलए का नाम लिया गया है। आरोप है कि ये दोनों ही तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से एचसीए में "प्रभावशाली" रहे हैं। इनके संबंधों का हवाला देते हुए कहा गया है कि HCA में होने वाले सारे फैसले इन्हीं के प्रभाव से होते हैं।

आईपीएल टिकट घोटाला: आईपीएल टिकटों की बिक्री में भी अनियमितताओं के आरोप हैं, जिसमें केटीआर के बहनोई राज पाकाला और उनके करीबी सहयोगी भी शामिल हैं।

यात्रा अनुबंधों में धांधली: यात्रा, होटल बुकिंग और अन्य संबंधित अनुबंधों में भी बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप है।

यह सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर पेश करता है जहां राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल क्रिकेट के विकास के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए किया जा रहा है।

पूर्व न्यायाधीशों की रिपोर्टें: सच्चाई की एक झलक

न्यायमूर्ति ना काकरू की रिपोर्ट, जो 13 जनवरी, 2023 को प्रस्तुत की गई थी, ने भी एचसीए में भ्रष्टाचार की पुष्टि की थी। इस रिपोर्ट में वनका प्रताप और एचसीए के बीच संबंधों, चयन में पक्षपात और अन्य अनियमितताओं का विस्तृत उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे एचसीए में "झूठ, धोखाधड़ी और अहंकारी दृष्टिकोण" हावी है।

न्याय की पुकार: तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन की लड़ाई

TCA ने अपनी शिकायत में CID से इस मामले की गहन जांच करने और दोषियों के खिलाफ "उचित आपराधिक कार्रवाई" करने का आग्रह किया है। यह तेलंगाना क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अगर यह जांच सही दिशा में जाती है और दोषियों को सजा मिलती है, तो यह देश में क्रिकेट प्रशासन के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगा।

CID इस मामले को कितनी गंभीरता से लेगी, यह देखना बाकी है। लेकिन एक बात तो तय है, इस मामले ने तेलंगाना क्रिकेट के चेहरे को बेनकाब कर दिया है। यह सिर्फ एक खेल संस्था की बात नहीं है, बल्कि यह उन मूल्यों और सिद्धांतों की भी बात है जिन पर हमारा समाज टिका है। उम्मीद है कि इस जांच से सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी, ताकि तेलंगाना में क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हो सके।

एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश?

यह सिर्फ वित्तीय अनियमितताओं का मामला नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट के मैदानों से लेकर राजनीतिक गलियारों तक फैले एक बड़े नेक्सस का भी मामला हो सकता है। क्या CID इस जटिल जाल को सुलझा पाएगी और उन सभी बड़े नामों को सामने लाएगी जो इस खेल को बर्बाद कर रहे हैं? यह सवाल तेलंगाना के क्रिकेट प्रेमियों के मन में है।

तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा CID को भेजा गया पत्र HCA में गहरे बैठे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का एक गंभीर आरोप है। यह सिर्फ वित्तीय घोटालों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सत्ता का दुरुपयोग, राजनीतिक हस्तक्षेप और खेल की पवित्रता के साथ खिलवाड़ भी शामिल है। अगर इन आरोपों की सच्चाई साबित होती है, तो यह भारतीय क्रिकेट प्रशासन के इतिहास में एक काला अध्याय होगा। यह मामला न केवल HCA के लिए, बल्कि तेलंगाना में क्रिकेट के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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