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तमिलनाडु में देवी अबिरामी का वैकासी उत्सव | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः तमिलनाडु कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और श्रीपेरंबदूर के विधायक के सेल्वापेरुन्थागई को मंदिर के अधिकारियों ने कांचीपुरम के वल्लकोट्टई मुरुगन मंदिर में कुंभभिषेकम अनुष्ठान में भाग लेने से रोक दिया। 17 साल बाद आयोजित कुंभभिषेकम मंदिर के जीर्णोद्धार के चार साल पूरे होने का प्रतीक है। सेल्वापेरुन्थागई ने कहा कि जब उन्हें रोका गया, तो भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन को पवित्र जल चढ़ाने की अनुमति दी गई।
सेल्वापेरुन्थागई को शुरू में ही रोक दिया गया
एक रिपोर्ट के मुताबिक जब सुंदरराजन को कुदामुझुकु (कलश पर पवित्र जल डालना) करने के लिए मेन टॉवर पर ले जाया गया तो सेल्वापेरुन्थागई को शुरू में रोक दिया गया। उनके समर्थकों की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद बाद में उन्हें टॉवर के पास जाने की अनुमति दी गई, लेकिन अनुष्ठान में भाग लेने से पहले हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) के अधिकारियों ने उन्हें फिर से रोक दिया। उन्हें मंदिर का झंडा भी नहीं दिया गया, जो एक प्रतीकात्मक सम्मान है।
बोले- साथ में थे सूबे के मंत्री, फिर भी हुई अभद्रता
सेल्वापेरुन्थगई ने बाद में अपने साथ हुए व्यवहार पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कुदामुझुकु उत्सव अच्छा रहा। लाखों लोग तिरुचेंदूर मंदिर गए और मैं मंत्री की देखरेख में वहां गया। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता साफ दिख रही थी। हमें नहीं पता कि कौन किसको नियंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभाला गया, लेकिन इस घटना ने समस्याओं को उजागर किया। यह 2000 साल पुराना मुद्दा है और इसे रातों-रात सुलझाया नहीं जा सकता। अधिकारियों ने इसे किया और हम लोगों के साथ खड़े होकर देखते रहे। मैं ऐसा कुछ नहीं कहना चाहता जिससे मुख्यमंत्री या मंत्री पीके शेखरबाबू का नाम खराब हो। अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सेल्वापेरुन्थगई ने कहा कि उन्हें भगवान के दर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें दूसरे कार्यक्रम के लिए जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अधिकारियों की तरह व्यवहार करना चाहिए। यही समस्या है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों रोका और मुझे अनुमति क्यों नहीं दी।
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