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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया ये आत्म निर्भर भारत है, रक्षा क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन!

भारत का रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड ऊंचाई पर! वित्त वर्ष 2024-25 में ₹1.50 लाख करोड़ पार, 5 साल में 90% की वृद्धि। स्वदेशीकरण और निर्यात में भी रिकॉर्ड, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को मजबूत करता है।

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Ajit Kumar Pandey
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया ये आत्म निर्भर भारत है, रक्षा क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन! | यंग भारत न्यूज

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया ये आत्म निर्भर भारत है, रक्षा क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज शनिवार 9 अगस्त 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि देश के रक्षा उत्पादन ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्त वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा ₹1,50,590 करोड़ तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 18% और 2019-20 से 90% की शानदार बढ़ोतरी है। राजनाथ सिंह ने बताया कि यह उपलब्धि 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर बढ़ते मजबूत कदमों का स्पष्ट प्रमाण है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता को और अधिक सुदृढ़ करने का संकेत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा उत्पादन ने ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज करते हुए ₹1,50,590 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 18% और पिछले पाँच सालों में 90% की जबरदस्त छलांग है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अभूतपूर्व सफलता को देश के सभी रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs) और निजी कंपनियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया है। यह बढ़ोतरी न केवल देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगी।

कैसे हासिल हुई यह बड़ी सफलता?

राजनाथ सिंह ने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने स्वदेशीकरण और 'मेक इन इंडिया' पर खास जोर दिया है। रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधार किए गए हैं और व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसका सीधा असर उत्पादन के आंकड़ों पर दिख रहा है।

DPSUs का दबदबा: कुल उत्पादन में रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों का योगदान लगभग 77% रहा है।

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निजी क्षेत्र की भागीदारी: निजी कंपनियों का योगदान भी 21% से बढ़कर 23% हो गया है, जो इस क्षेत्र में उनकी बढ़ती रुचि और क्षमताओं को दर्शाता है।

निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी: भारत ने ₹23,622 करोड़ का रिकॉर्ड रक्षा निर्यात किया है, जो पिछले साल से ₹2,539 करोड़ ज्यादा है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ आयात पर निर्भर नहीं, बल्कि दुनिया को अपनी ताकत भी दिखा रहा है।

यह वृद्धि भारत को हथियारों के सबसे बड़े आयातक की सूची से निकालकर एक प्रमुख निर्यातक के रूप में स्थापित कर रही है। देश अब अपनी रक्षा जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद पर विश्वास कर रहा है।

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सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में भारत का रक्षा उत्पादन और निर्यात दोनों ही कई गुना बढ़े। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। उनका मानना है कि नीतिगत सुधारों और निजी क्षेत्र के सहयोग से भारत जल्द ही रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा।

यह रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि न केवल भारतीय सेना के लिए गर्व की बात है, बल्कि हर उस नागरिक के लिए भी है जो एक मजबूत और सुरक्षित भारत का सपना देखता है। देश का रक्षा औद्योगिक ढांचा पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है, और यह सुनिश्चित करता है कि भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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