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सेना को मिली नई 'ताकत' : अब दुश्मनों के छूटेंगे पसीने!

भारतीय सेना की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को मिली नई ताकत! रक्षा मंत्रालय ने आपातकालीन खरीद के तहत ₹1,981.90 करोड़ के 13 अनुबंध किए, जिससे सेना को अत्याधुनिक हथियार व उपकरण मिलेंगे। यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम है।

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Ajit Kumar Pandey
सेना को मिली नई 'ताकत' : अब दुश्मनों के छूटेंगे पसीने! | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारतीय सेना की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को अभूतपूर्व बढ़ावा मिला है! रक्षा मंत्रालय ने आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement) प्रक्रिया के तहत 13 महत्वपूर्ण अनुबंधों को अंतिम रूप दे दिया है, जिनकी कुल लागत 1,981.90 करोड़ रुपये है। यह कदम सेना को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करेगा, जिससे न केवल उसकी परिचालन तैयारी मजबूत होगी, बल्कि सीमा पार से होने वाले हर खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने में भी वह पहले से कहीं अधिक सक्षम होगी। इन नई क्षमताओं से हमारे जवानों का मनोबल बढ़ेगा और दुश्मनों को अब भारतीय सेना के शौर्य का एक नया और शक्तिशाली रूप देखने को मिलेगा। यह खबर हर भारतीय को गर्व महसूस कराएगी और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

भारतीय सेना हुई और भी मज़बूत: अब नहीं रहेगी दुश्मनों की खैर!

हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ाने वाला एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement) व्यवस्था के तहत 13 बेहद महत्वपूर्ण रक्षा अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया है। इन अनुबंधों पर कुल 1,981.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो सेना के लिए स्वीकृत 2,000 करोड़ रुपये के कुल आवंटन के लगभग बराबर है। यह खरीद विशेष रूप से भारतीय सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों (Counter-Terrorism Operations) में और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।

आप सोच रहे होंगे कि इस आपातकालीन खरीद का मतलब क्या है? दरअसल, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत युद्ध जैसी या आपातकालीन स्थितियों में सेना को तुरंत ज़रूरी उपकरण और हथियार उपलब्ध कराए जाते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि अब हमारी सेना को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए लंबे इंतज़ार की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह एक ऐसा फैसला है जो हमारी सेना के जवानों के लिए न केवल राहत की बात है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

इन अनुबंधों के माध्यम से भारतीय सेना को जो नए उपकरण और हथियार मिलेंगे, वे उसकी परिचालन तैयारियों को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। चाहे वह अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली हो, बेहतर संचार उपकरण हों, या फिर उन्नत हथियार, ये सभी हमारी सेना को और भी घातक बनाएंगे। 

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कल्पना कीजिए, जब हमारे जवान अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस होंगे, तो सीमा पार से होने वाली किसी भी घुसपैठ या आतंकवादी गतिविधि को रोकना कितना आसान हो जाएगा। यह कदम सिर्फ उपकरण खरीदने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे सैनिकों के मनोबल को भी बढ़ाने वाला है। जब उन्हें पता होगा कि देश की सरकार उनकी सुरक्षा और तैयारियों के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, तो उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ जाएगा।

क्यों थी इस 'महाडील' की ज़रूरत?

पिछले कुछ समय से जिस तरह की चुनौतियां हमारी सीमाओं पर देखने को मिल रही हैं, उसे देखते हुए भारतीय सेना को लगातार मजबूत करना समय की मांग बन गया है। आतंकवाद, घुसपैठ और पड़ोसी देशों से मिलने वाली धमकियां, इन सभी से निपटने के लिए हमारी सेना का हर क्षण तैयार रहना बेहद ज़रूरी है। यह आपातकालीन खरीद इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए की गई है।

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रक्षा मंत्रालय का यह फैसला दिखाता है कि सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। यह केवल एक आर्थिक लेन-देन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एक दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय सेना हमेशा किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे। इन नए उपकरणों से सेना की गतिशीलता बढ़ेगी, मारक क्षमता बेहतर होगी और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने की क्षमता भी पहले से बेहतर हो पाएगी।

इसके अलावा, यह खरीद 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को भी परोक्ष रूप से समर्थन देती है। भले ही ये अनुबंध आपातकालीन हों, लेकिन भविष्य में ऐसे उपकरणों के देश में ही निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए भी एक संकेत है कि उसे अपनी क्षमताओं को और विकसित करना होगा।

भारत की रक्षा में मील का पत्थर!

यह 1,981.90 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे जवान सबसे कठिन परिस्थितियों में भी प्रभावी ढंग से लड़ सकें। आतंकवाद से लड़ने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए उपकरण न केवल सैनिकों की जान बचाएंगे बल्कि उनकी कार्रवाई की सटीकता को भी बढ़ाएंगे। यह एक ऐसा निर्णायक क्षण है जो भारतीय सेना की छवि को और मजबूत करेगा और दुनिया को यह संदेश देगा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यह कदम देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा और दुश्मनों को अब सौ बार सोचना होगा।

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इस महत्वपूर्ण खबर पर आपके क्या विचार हैं? क्या आपको लगता है कि इस तरह की आपातकालीन खरीद देश की सुरक्षा के लिए बेहद ज़रूरी है? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं!

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