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दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’राजधानी में ग्रैप-2 के दूसरे चरण के प्रतिबंध लागू, 24 स्टेशन ‘रेड जोन’ घोषित

शहर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के स्तर को पार कर गया है। इसलिए दिल्ली-एनसीआर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के दूसरे चरण के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं,

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली की पूर्व संध्या पर प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण 38 में से 24 निगरानी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की। आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, रात 10 बजे तक एक्यूआई और बिगड़कर 306 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी और ‘रेड ज़ोन’ में आता है। Air Pollution Effects

400के पार पहुंच एक्यूआई

विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, दिवाली के अगले दिन मंगलवार और बुधवार को वायु गुणवत्ता और भी अधिक खराब हो सकती है, जिसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाने की आशंका है। राष्ट्रीय राजधानी के 38 निगरानी स्टेशनों में से 24 में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि आनंद विहार में रात 10 बजे एक्यूआई 409 रहा, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इससे पहले शाम तक 12 स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया, जिनमें वजीरपुर (364), विवेक विहार (351), द्वारका (335) और आरके पुरम (323) शामिल थे। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सिरी फोर्ट, दिलशाद गार्डन और जहांगीरपुरी जैसे अन्य क्षेत्रों में एक्यूआई 318 दर्ज किया गया। पंजाबी बाग में एक्यूआई 313, नेहरू नगर में 310, अशोक विहार में 305 और बवाना में 304 रहा। निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में रविवार को वायु प्रदूषण में परिवहन उत्सर्जन का योगदान 15.1 प्रतिशत था।

सड़कों पर पानी का छिड़काव जैसे उपाय करने होंगे

जीआरएपी के दूसरे चरण के अंतर्गत, धूल को नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव सहित कई प्रतिबंध और तत्काल राहत वाली कार्रवाई की जाती है। धूल नियंत्रण उपायों के सख्त प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए निर्माण और विध्वंस स्थलों का गहन निरीक्षण किया जाता है। जीआरएपी के दूसरे चरण के तहत अतिरिक्त सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का विस्तार और मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति में वृद्धि की जाती है। डॉक्टरों के अनुसार, दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना प्रतिदिन लगभग 10 सिगरेट पीने के बराबर हानिकारक है।   delhi air pollution | delhi air pollution levels | new delhi air pollution 

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