नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | भारत-पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव हर दिन और गंभीर होता जा रहा है। सीमाओं पर गोलीबारी और जवाबी मिसाइल हमलों की खबरें अब आम हो गई हैं। इस माहौल में दिल्ली-एनसीआर के लोगों के मन में यह सवाल तेजी से उभर रहा है—"अगर दिल्ली पर मिसाइल से हमला हुआ तो क्या हम सुरक्षित हैं?" इसका जवाब जानना जरूरी है—हां, दिल्ली पूरी तरह असुरक्षित नहीं है। केंद्र सरकार और सैन्य बलों ने दिल्ली को बहुस्तरीय सुरक्षा कवच से ढक रखा है, जो किसी भी मिसाइल या हवाई हमले को रोकने की क्षमता रखता है।
एस-400 तैनात
दिल्ली की रक्षा में सबसे अहम भूमिका निभा रहा है रूस से प्राप्त S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम। दिल्ली को एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम द्वारा संरक्षित किया गया है, जो 600 किमी दूर तक के खतरों का पता लगाने और 400 किमी के दायरे में उन्हें रोकने में सक्षम है। बता दें, यह यह सिस्टम 600 किमी दूर से खतरे को पहचान सकता है और 400 किमी की रेंज तक की मिसाइलों और विमानों को नष्ट कर सकता है। साथ ही एक साथ 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है।
बीएमडी शील्ड एक्टिव
भारत की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) प्रणाली उच्च और निम्न ऊंचाई पर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए दो इंटरसेप्टर परतों (पीएडी और एएडी) का उपयोग करती है। भारत की घरेलू विकसित Ballistic Missile Defence (BMD) प्रणाली दो परतों में काम करती है। PAD (Prithvi Air Defence): ऊपरी परत में 80-120 किमी ऊंचाई पर इंटरसेप्ट करती है। AAD (Advanced Air Defence): निचली परत में 15-30 किमी पर टक्कर देती है। यह प्रणाली पहले से एक्टिव मोड में है और कई बार सफल परीक्षण किए जा चुके हैं।
नागरिक-सैन्य समन्वय
रक्षा एजेंसियां बढ़े हुए तनाव के दौरान अलर्ट, अभ्यास और सार्वजनिक सुरक्षा उपायों का प्रबंधन करने के लिए नागरिक अधिकारियों के साथ समन्वय करती हैं। वास्तविक समय निगरानी और त्वरित जवाबी कार्रवाई दिल्ली में उलब्ध है। दिल्ली के आसमान की 24x7 रडार निगरानी करती है।ड्रोन गश्त और पूर्व चेतावनी सिस्टम मौजूद है।त्वरित तैनाती वाली यूनिट्स कुछ ही सेकंड में जवाब दे सकती हैं।
हवाई क्षेत्र प्रतिबंध लागू किए गए
रक्षा अभियानों के लिए आसमान को साफ रखने के लिए हाई-अलर्ट अवधि के दौरान अस्थायी उड़ान और हवाई क्षेत्र प्रतिबंध लागू किए जाते हैं।रणनीतिक समय पर एयरस्पेस प्रतिबंध लागू है। सैन्य अभियानों को बाधा से मुक्त करने के लिए नागरिक उड़ानों को रोका जाता है। दिल्ली एयरपोर्ट पर हाई सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लागू है।
त्वरित प्रतिक्रिया बल
दिल्ली को त्वरित तैनाती इकाइयों और अलर्ट प्रोटोकॉल से लाभ मिलता है जो हवाई खतरे पर सेकंड के भीतर प्रतिक्रिया करने में सक्षम हैं। निरंतर रडार निगरानी, ड्रोन गश्त और पूर्व चेतावनी प्रणाली तेजी से खतरे का पता लगाने और अवरोधन समन्वय सुनिश्चित करती है।
सी-यूएएस ग्रिड ऑनलाइन
एक समर्पित काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (सी-यूएएस) ग्रिड रडार, आरएफ सेंसर और काइनेटिक इंटरसेप्टर का उपयोग करके ड्रोन से दिल्ली की रक्षा करता है।
समर इकाइयां तैनात
छोटी दूरी के समर लांचर 12 किलोमीटर के दायरे में क्रूज मिसाइलों और ड्रोन जैसे कम उड़ान वाले लक्ष्यों को बेअसर करने के लिए तैनात किए गए हैं।