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PoK के पूर्व PM नवरुल हक का कबूलनामा दिल्ली ब्लास्ट में पाकिस्तान का हाथ, भारत क्या लेगा एक्शन?

PoK के पूर्व PM अनवरुल हक ने PoK असेंबली में दिल्ली ब्लास्ट में पाकिस्तान की भूमिका मानी है। उनका 'लाल किले तक हमला करेंगे' बयान भारत के लिए सीधी चुनौती है। क्या यह कबूलनामा पाक को बेनकाब करेगा?

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Ajit Kumar Pandey
POK EX PM ANWARUL HAQ

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।दिल्ली में हुए भयावह कार ब्लास्ट के ठीक 8 दिन बाद, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर PoK के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक ने PoK असेंबली में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने न सिर्फ इस आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका स्वीकार की, बल्कि भारत को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि "हम लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक भारत पर हमला करेंगे।" यह विस्फोटक बयान भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर अलर्ट है और दोनों देशों के बीच तनाव को कई गुना बढ़ा देता है। 

10 नवंबर की शाम, जब दिल्ली का दिल कहे जाने वाले लाल किले के पास एक I20 कार धमाके से दहल उठा, तो देश स्तब्ध रह गया। इस फिदायीन हमले में अब तक 13 बेगुनाह नागरिकों की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में इसे अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल ANFO जैसे हाई-एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करके अंजाम दिया गया हमला बताया गया। लेकिन, इस राष्ट्रीय त्रासदी को एक नया और भयावह मोड़ तब मिला, जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के एक शीर्ष नेता ने खुद ही इस पर मुहर लगा दी। 

'हमारे शाहीन ने अंदर घुसकर मारा है' कबूलनामे की पूरी कहानी 

PoK असेंबली में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक ने जो कहा, वह किसी भी भारतीय के रोंगटे खड़े कर देने वाला है। उन्हें दो दिन पहले ही अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था, लेकिन विदाई से पहले उनका यह बयान अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया। उन्होंने सीधे तौर पर भारत को धमकाते हुए कहा "मैंने पहले ही कहा था कि अगर तुम भारत बलूचिस्तान को लहूलुहान करते रहोगे, तो हम लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक भारत पर हमला करेंगे। हमारे शाहीन ने ऐसा कर दिखाया है। उन्होंने अंदर घुसकर मारा है, उनकी लाशों की गिनती आज तक पूरी नहीं हुई।" 

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अनवरुल हक का यह बयान दिल्ली ब्लास्ट में पाकिस्तान की संलिप्तता का सबसे बड़ा सबूत है। एक तरफ जहां पाकिस्तान की सरकार आधिकारिक रूप से मौन है, वहीं उनके ही एक शीर्ष राजनीतिक व्यक्ति का यह कबूलनामा सारी दुनिया के सामने पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे को बेनकाब कर देता है। क्या युद्ध के कगार पर हैं भारत-पाकिस्तान? 

अनवरुल हक के बयान के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की प्रतिक्रिया भी कम चिंताजनक नहीं है। उन्होंने कहा है कि भारत के साथ युद्ध की संभावना को नकारा नहीं जा सकता और क्षेत्रीय तनाव के बीच पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है। 

पाकिस्तान की आधिकारिक चुप्पी 

शहबाज शरीफ की सरकार ने अब तक इस बयान से आधिकारिक दूरी नहीं बनाई है, जिससे यह साफ होता है कि यह सिर्फ अनवरुल हक की निजी राय नहीं हो सकती। 

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भारत का स्टैंड: भारत हमेशा से बलूचिस्तान में हिंसा में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार करता रहा है और पाकिस्तान के नेता द्वारा इसका बार-बार हवाला देना सिर्फ आतंक को सही ठहराने की कोशिश है। 

इंटेलिजेंस इनपुट: भारतीय जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूह जम्मू-कश्मीर में नई और बड़े हमलों की योजना बना रहे हैं। इन समूहों को पाकिस्तान से फंडिंग और रणनीतिक समर्थन मिलता है। 

यह साफ है कि दिल्ली में हुआ हमला कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित बड़ी साजिश का हिस्सा था। 

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लाल किले पर हमले का मतलब और NIA की जांच 

लाल किला, भारत के गौरव और राष्ट्रीय संप्रभुता का प्रतीक है। इस जगह को निशाना बनाना सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है। इस हमले को 'डॉ. उमर' नामक फिदायीन ने अंजाम दिया, जिसकी पहचान और उसके मॉड्यूल में शामिल अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए NIA ने अपनी जांच तेज कर दी है। 

जांच से जुड़ी मुख्य बातें: विस्फोटक की प्रकृति 

हमले में ANFO अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल जैसे उच्च-विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जिसका उपयोग आमतौर पर बड़ी आतंकी घटनाओं में किया जाता है। 

फिदायीन हमला: इसे एक आत्मघाती हमला घोषित किया गया है, जो इस मॉड्यूल के खतरनाक इरादों को दर्शाता है। 

टारगेट: लाल किला के पास एक व्यस्त इलाके में यह धमाका हुआ, जिसका उद्देश्य अधिकतम मौत और राष्ट्रीय भय पैदा करना था। 

गंभीर चेतावनी: PoK के पूर्व पीएम का कबूलनामा 

भारतीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक स्पष्ट और गंभीर चेतावनी है। अब सिर्फ निगरानी नहीं, बल्कि त्वरित और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। 

आगे क्या करना होगा? सतत निगरानी सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और फंडिंग पर 24x7 नज़र। 

खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना: जमीनी और डिजिटल दोनों स्तरों पर खुफिया जानकारी जुटाने के नेटवर्क को और मजबूत करना। 

कूटनीतिक दबाव: अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के इस कबूलनामे को उजागर करना और उस पर आर्थिक व राजनीतिक प्रतिबंधों का दबाव बनाना। 

एंटी-टेररिज्म ऑपरेशन: जम्मू-कश्मीर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई। 

एक नया खतरा, नई रणनीति की मांग 

दिल्ली ब्लास्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद भारत के लिए एक सतत खतरा बना हुआ है। जब पाकिस्तान के शीर्ष नेता सार्वजनिक रूप से हमले की जिम्मेदारी लेते हैं और लाल किले तक हमले की धमकी देते हैं, तो इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। भारत को अब सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रुख अपनाना होगा। देश के हर नागरिक को जागरूक और चौकन्ना रहने की जरूरत है, क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ हमारी सेनाओं की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। 

इस कबूलनामे के बाद, पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बनाने की रणनीति में भारत को तेजी लानी होगी ताकि भविष्य के किसी भी 'शाहीन' को उसके ठिकाने पर ही रोका जा सके। 

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