नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
दिल्ली की एक अदालत ने झारखंड में मेदनीराय कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और पूर्व संयुक्त सचिव (कोयला) के. एस क्रोफा को आरोपमुक्त कर दिया है। विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने मामले में गुप्ता और क्रोफा के खिलाफ सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए उन्हें राहत प्रदान की।
विशेष सीबीआई अदालत ने ठहराया था दोषी
बता दें, मामला झारखंड में मेदनीराय कोयला ब्लॉक को कोहिनूर स्टील प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित करने से संबंधित है। मई 2017 में एचसी गुप्ता, केएस क्रोफा और कोयला ब्लॉक आवंटन के प्रभारी निदेशक केसी समरिया को विशेष सीबीआई अदालत ने कोयला घोटाला मामले में दोषी ठहराया था। इसी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दी थी, जिनके पास उस दौरान कोयला मंत्रालय का प्रभार भी था।
धोखाधड़ी के आरोप तय करने का निर्देश
न्यायाधीश ने चार अप्रैल को पारित आदेश में कहा, "दोनों आरोपी लोक सेवक आरोपमुक्त किये जाने के हकदार हैं और उन्हें आरोपमुक्त किया जाता है।" हालांकि, न्यायाधीश ने कोहिनूर स्टील प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक विजय बोथरा और कर्मचारी राकेश खरे के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय करने का निर्देश दिया।