नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भाजपा के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। यह मामला आपराधिक मानहानि से जुड़ा है, जिसमें स्वामी को तलब किया गया था। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने बग्गा को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके जवाब में मामले से संबंधित प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही, अदालत ने सुब्रमण्यम स्वामी को बग्गा के जवाब पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई की तारीख 26 अगस्त तय की है।
मानहानि शिकायत से जुड़ा है मामला
यह मामला तेजिंदर बग्गा द्वारा दर्ज की गई एक मानहानि शिकायत से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे। इसी मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने 22 मार्च 2022 को स्वामी को समन जारी किया था, और कहा था कि उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त आधार मौजूद हैं। स्वामी ने इस समन को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और अधीनस्थ अदालत की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने इस पर 4 अप्रैल 2022 को सुनवाई पर रोक लगा दी थी।
तेजिंदर बग्गा ने मामले में अपना उत्तर दाखिल नहीं किया
बुधवार को सुनवाई के दौरान स्वामी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को अवगत कराया कि तेजिंदर बग्गा ने अब तक इस मामले में अपना उत्तर दाखिल नहीं किया है। इस पर बग्गा के वकील ने बताया कि पहले स्वामी को अपनी याचिका की स्वीकार्यता पर तर्क प्रस्तुत करने थे, जैसा कि उच्च न्यायालय के पूर्व आदेश में कहा गया था। न्यायमूर्ति डुडेजा ने कहा कि आपको (बग्गा को) कम से कम अपना जवाब दाखिल करना चाहिए और उसमें याचिका की स्वीकार्यता से जुड़े अपने तर्क भी शामिल करने चाहिए।
26 अगस्त को हो सकती है सुनवाई
बग्गा का आरोप है कि सितंबर 2021 में स्वामी ने एक ट्वीट किया था, जिसमें यह झूठा दावा किया गया था कि भाजपा में शामिल होने से पहले उन्हें (बग्गा को) नई दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने द्वारा छोटे-मोटे अपराधों के चलते कई बार जेल भेजा गया था। स्वामी के वकील ने तर्क दिया कि निचली अदालत का आदेश गलत है, क्योंकि उनके ट्वीट को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया और उनकी बात का अर्थ तोड़ा-मरोड़ा गया अब अदालत ने दोनों पक्षों को समय सीमा में अपने-अपने उत्तर दाखिल करने को कहा है, ताकि मामले की आगे की सुनवाई 26 अगस्त को की जा सके।