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प्रदूषण प्रोटेस्ट में नक्सली पोस्टर: दिल्ली के इंडिया गेट पर ये क्या हुआ?

दिल्ली इंडिया गेट पर प्रदर्शन अब सिर्फ़ प्रदूषण का मुद्दा नहीं रहा। एक युवा समूह ने नक्सली कमांडर हिडमा के पोस्टर लहराए और नारे लगाए। इस घटना ने कई सवाल खड़े किए। जानें किसने किया पुलिस पर मिर्च स्प्रे से हमला?

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Ajit Kumar Pandey
URBAN NAXALWAD DELHI INDIA GATE UPDATE

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दिल्ली के इंडिया गेट पर 'क्लीन एयर' की मांग को लेकर शुरू हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक विवादों में घिर गया जब प्रदर्शनकारियों ने मारे जा चुके नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस के मुताबिक, भीड़ ने बैरिकेड तोड़कर सड़क जाम की और उन्हें हटाने पहुंची पुलिस पर मिर्च स्प्रे से हमला किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने सरकारी काम में बाधा और हमले सहित कई धाराओं में FIR दर्ज कर छह प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।

देश की राजधानी दिल्ली के केंद्र, इंडिया गेट पर, प्रदूषण के खिलाफ़ कथित युवाओं का प्रदर्शन चल रहा था। ‘क्लीन एयर’ की मांग को लेकर रविवार शाम को C-हेक्सागन इलाके में जुटे ये युवा शांतिपूर्ण नज़र आ रहे थे, लेकिन कुछ ही देर में प्रदर्शन का माहौल ऐसा बदला कि अब यह दिल्ली की सबसे बड़ी हेडलाइन बन गया है।

दरअसल, प्रदूषण के नारों के बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने अचानक कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा अमर रहे के नारे लगाने शुरू कर दिए, जिसके पोस्टर भी लहराए गए। आपको बता दें, हिडमा वही दुर्दांत नक्सली कमांडर था जो हाल ही में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया था। उसके पोस्टर और नारे सामने आते ही प्रदूषण का यह प्रदर्शन तुरंत एक गंभीर विवाद में बदल गया और सोशल मीडिया पर इसे "अर्बन नक्सल" एंगल से देखा जाने लगा।

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पुलिस पर मिर्च स्प्रे का हमला, कांस्टेबल की आंखें घायल

प्रदर्शन में विवाद सिर्फ़ नारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह हिंसक भी हो गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी अचानक बैरिकेड तोड़कर सड़क पर बैठ गए, जिससे एंबुलेंस सहित कई इमरजेंसी वाहन फंस गए।

जब पुलिस उन्हें हटाने पहुंची, तो कुछ उपद्रवी प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर मिर्च स्प्रे का छिड़काव कर दिया। डीसीपी देवेश महला ने इस घटना को चौंकाने वाला बताया और कहा, "पहली बार हमने देखा कि पुलिस पर मिर्च स्प्रे इस्तेमाल किया गया।"

घायल पुलिसकर्मी: मिर्च स्प्रे कई जवानों की आंखों में डाला गया, जिन्हें तत्काल RML अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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सबसे गंभीर चोट: कॉन्स्टेबल ईशांत की आंखों में मिर्च स्प्रे सबसे ज़्यादा पड़ा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

पुलिस को इस घटना के बाद बल प्रयोग करना पड़ा और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

पुलिस ने दर्ज की FIR, 'संगठित समूह' की तलाश

माडवी हिडमा के पोस्टर और पुलिस पर हमले की घटना के बाद दिल्ली पुलिस सख्त कार्रवाई की। पुलिस ने अब तक करीब 15 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान CCTV फुटेज और वायरल वीडियो के जरिए की जा रही है।

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दर्ज FIR की प्रमुख धाराएं

  • सरकारी काम में बाधा डालना।
  • बैरिकेड तोड़ना।
  • सड़क जाम करना।
  • पुलिस पर हमला करना।

दिल्ली पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है कि आखिर प्रदूषण के नाम पर चल रहे प्रदर्शन को 'नक्सली' एजेंडा किसने दिया।

बड़ा सवाल: हिडमा का पोस्टर कौन लाया?

सबसे बड़ा और अहम सवाल यही है कि प्रदूषण के लिए जुटे इस प्रदर्शन में अचानक नक्सली कमांडर हिडमा के पोस्टर और नारे कैसे आए? क्या यह महज़ कुछ लोगों की करतूत थी, या इसके पीछे कोई गहरी साज़िश है?

दिल्ली पुलिस इस पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस का स्पष्ट कहना है कि यह पता लगाना ज़रूरी है कि कहीं किसी 'संगठित समूह' ने तो प्रदर्शन को भटकाने की कोशिश नहीं की। सोशल मीडिया पर भी कई यूज़र्स इसे एक 'अर्बन नक्सल' कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं, जहां किसी बड़े मुद्दे की आड़ में राष्ट्रविरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश की गई है।

एक प्रदर्शनकारी का बचाव, लेकिन पुलिस सहमत नहीं

हिरासत में लिए गए एक प्रदर्शनकारी ने हिडमा के पोस्टर पर सफाई देने की कोशिश की। उसने कहा, "हिडमा एक आदिवासी था जिसने अपने हक के लिए लड़ने के लिए हथियार उठाए। लोग इस तरीके से सहमत नहीं हो सकते और इसे गलत कह सकते हैं, लेकिन वे इसके पीछे के कारण को नकार नहीं सकते। यह कॉर्पोरेटाइजेशन के खिलाफ़ आदिवासियों की लड़ाई है।"

हालांकि, पुलिस और आम जनता दोनों ही इस बात पर सहमत नहीं हैं कि देश की राजधानी में प्रदूषण जैसे नागरिक मुद्दे के मंच का इस्तेमाल एक कुख्यात नक्सली कमांडर का महिमामंडन करने के लिए किया जाए, जिसकी मौत सुरक्षाबलों के हाथों हुई है। किसी भी तरह की हिंसा और कानून हाथ में लेने की कार्रवाई निंदनीय है।

इस पूरे मामले ने दिल्ली के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है और पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि यह विवादित कदम किसी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था या फिर कुछ उपद्रवी तत्वों का क्षणिक भटकाव।

दिल्ली पुलिस उन सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स और वीडियोज़ को खंगाल रही है, जो इस घटना से जुड़े हैं। पुलिस का मुख्य फोकस उस समूह या व्यक्ति की पहचान करना है जो माओवादी कमांडर का पोस्टर लेकर आया था और जिसने पुलिस पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया।

यह घटना देश में विरोध प्रदर्शनों की दिशा और उसमें शामिल होने वाले तत्वों की पहचान पर एक नई बहस छेड़ सकती है।

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