Advertisment

Tamil Nadu News : देवी अबिरामी का वैकासी उत्सव, उमड़ा भक्ति और आस्था सागर

Tamil Nadu : डिंडीगुल के अबिरामी अम्मन मंदिर में आज मंगलवार 10 जून 2025 को वैकासी वैसाकम पर देवी और भगवान की भव्य झांकी निकाली गई। भक्ति, परंपरा और श्रद्धा से सराबोर इस उत्सव ने हजारों भक्तों को दिव्यता से भर दिया।

author-image
Ajit Kumar Pandey
एडिट
तमिलनाडु में देवी अबिरामी का वैकासी उत्सव | यंग भारत न्यूज

तमिलनाडु में देवी अबिरामी का वैकासी उत्सव | यंग भारत न्यूज

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित अबिरामी अम्मन मंदिर में वैकासी वैसाकम महोत्सव के तहत देवी अबिरामी अम्मन और भगवान पद्मगिरीश्वरर की भव्य झांकी सजाई गई। आज मंगलवार 10 जून 2025 को इस दिव्य दृश्य को देखने और दर्शन करने के लिए हज़ारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक परंपराओं से सराबोर इस आयोजन ने भक्तों को भावविभोर कर दिया।

Advertisment

तमिलनाडु के डिंडीगुल ज़िले में स्थित ऐतिहासिक अबिरामी अम्मन मंदिर इन दिनों भक्ति और उत्सव के रंग में रंगा हुआ है। अवसर है वैकासी वैसाकम पर्व का, जो तमिल पंचांग के अनुसार वैकासी महीने में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर भगवान पद्मगिरीश्वरर और देवी अबिरामी अम्मन की सजीव झांकी निकाली गई, जिसने न केवल डिंडीगुल, बल्कि तमिलनाडु भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया।

हर साल की तरह इस बार भी मंदिर परिसर को फूलों, रंग-बिरंगी रोशनियों और पारंपरिक सजावट से सजाया गया था। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दूर-दूर से आए भक्तजन वैकासी वैसाकम के पवित्र दर्शन पाने के लिए लंबी कतारों में खड़े दिखाई दिए।

Advertisment

भक्ति और सांस्कृतिक विरासत का मिलन

इस उत्सव के दौरान भगवान पद्मगिरीश्वरर और देवी अबिरामी अम्मन को पारंपरिक रथ पर सवार कर मंदिर की परिक्रमा कराई गई। यह झांकी द्रविड़ परंपरा का एक अद्भुत उदाहरण मानी जाती है। ढोल-नगाड़ों, वेद मंत्रों और भक्तों के 'अम्मन थल्ली' के जयघोष से सारा वातावरण आध्यात्मिकता में डूबा नजर आया।

अबिरामी अम्मन मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह तमिल सांस्कृतिक विरासत का भी जीवंत प्रतीक है। वैकासी वैसाकम के इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि आस्था और परंपरा जब एक साथ आती है, तो वह नज़ारा स्वर्गिक हो जाता है।

Advertisment

झांकी में दिखा दिव्यता और भक्ति का संगम

इस बार की झांकी में विशेष आकर्षण था देवी अबिरामी अम्मन का श्रृंगार, जिसमें सोने-चांदी के आभूषणों और केसरिया वस्त्रों से उन्हें सजाया गया था। वहीं, भगवान पद्मगिरीश्वरर को पवित्र रुद्राक्षों और त्रिपुंड धारण कर रथ पर विराजमान किया गया।

श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के साथ साथ भजन-कीर्तन भी किए, जिससे मंदिर परिसर एक संगीतमय आध्यात्मिक केंद्र में बदल गया। वैकासी वैसाकम केवल एक पर्व नहीं बल्कि आत्मिक ऊर्जा का अनुभव है।

Advertisment

पर्यटन और आस्था का संगम बनता मंदिर

अबिरामी अम्मन मंदिर अब केवल श्रद्धा का नहीं, बल्कि धार्मिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। राज्य सरकार की कोशिश है कि ऐसे आयोजनों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाए। इससे न केवल संस्कृति का संरक्षण होगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

चेन्नई से आई एक भक्त रेखा जी ने कहा, "ऐसा दिव्य आयोजन जीवन में कुछ बार ही देखने को मिलता है। देवी के दर्शन से आत्मा तक शुद्ध हो गई।" वहीं मदुरै के रमेश जी ने बताया कि वे हर साल इस उत्सव में आते हैं और उन्हें यह दिन सबसे ज्यादा शुभ और ऊर्जावान लगता है।

वैकासी वैसाकम न केवल दक्षिण भारत की धार्मिक परंपराओं को दर्शाता है, बल्कि यह एक ऐसे आध्यात्मिक अनुभव की झलक देता है, जो जीवन में संतुलन और शक्ति का एहसास कराता है। यदि आप तमिलनाडु की संस्कृति, भक्ति और परंपरा को नज़दीक से देखना चाहते हैं, तो अगली बार इस भव्य आयोजन में शामिल होने का मौका ज़रूर लें।

क्या आपने कभी डिंडीगुल के अबिरामी अम्मन मंदिर का दर्शन किया है? नीचे कमेंट में अपनी अनुभव साझा करें और इस पोस्ट को ज़रूर शेयर करें ताकि ज्यादा लोग इस आध्यात्मिक अनुभूति का हिस्सा बन सकें!

tamil nadu |

tamil nadu
Advertisment
Advertisment