/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/09/gujrat-bridge-collapse-2025-07-09-14-59-42.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः गुजरात फिर से चर्चा में है। चर्चा में इस वजह से क्योंकि यहां फिर से एक बार पुल टूटा है। गंभीरा ब्रिज के हादसे में दर्जन भर लोगों के मारे जाने की आशंका है। खास बात है कि इस पुल को लेकर सरकार को आगाह किया जा चुका था। अगर अमले ने बात सुन ली होती तो नाहक ही लोगों की जान नहीं जाती।
एक रिपोर्ट के मुताबिक गंभीरा ब्रिज के हादसे में जिला पंचायत सदस्य हर्षद सिंह परमार का नाम चर्चा में है। इस ब्रिज को लेकर अगस्त 2022 में सरकार को लिखित शिकायत दी गई थी। इसमें पुल की जर्जर स्थिति का जिक्र था। अगर इस शिकायत पर समय रहते ध्यान दिया जाता तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती थी।
परमार बोले- अगस्त 2022 में सरकार को दिया था ज्ञापन
हर्षद सिंह परमार ने कहा कि उनका गांव वही है, जहां यह पुल टूटा है। उनका घर इस पुल से मात्र आधे किमी की दूरी पर है। वो जिला पंचायत का सदस्य हैं। अगस्त 2022 में उन्होंने इस पुल की खस्ताहालत को लेकर सरकार को ज्ञापन दिया था। उनका कहना था कि इस पुल का घनत्व ज्यादा है। इसमें होने वाला कंपन भी बहुत अधिक है। उन्होंने सरकार से कहा था कि पुल के ब्लॉक हिल रहे हैं। इतने ज्यादा कि कोई दुर्घटना हो सकती है। परमार ने सरकार से अपील की थी कि ये पुल बंद कर दिया जाए और नया पुल बनाया जाए। परमार का कहना है कि उनकी शिकायत ठंडे बस्ते में डाल दी गई। सरकार ने उनकी बात को गंभीरता से लिया होता तो ये हादसा नहीं होता।
गौरतलब है कि गंभारी ब्रिज की तरह से मोरबी का पुल भी सरकारी अमले की गलती की वजह से गिरा था। मोरबी में सैकड़ों लोगों के साथ पुल नदी में गिरा था। मोरबी हादसे के पीछे सरकारी अमले की गलतियां थीं। पहले बिना परीक्षण पुल को लोगों के लिए खोल दिया गया। फिर सौ लोगों की लिमिट के बावजूद पुल पर पांच सौ लोगों को पुल पर भेज दिया, क्योंकि कंपनी को टिकट के पैसे मिल रहे थे। जब टूट गया तब मौतों को छिपाने की कोशिशें शुरू हो गईं।
Gambhira Bridge, Morbi Accident, October 2022 Bridge Accident, Gujarat Government, District panchayat member, panchayat member warned government, panchayat member on Gambhira bridge, trendig news