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रूस-यूक्रेन जंग में तीन दिन की बमबारी के बराबर भारत में Diwali पर आतिशबाजी

दिवाली 2025: भारत में दीपावली की रात 62,000 टन बारूद जला, रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन दिनों के बराबर विस्फोटक। पीएम 2.5 और धुएं ने वायु गुणवत्ता को प्रभावित किया।

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Dhiraj Dhillon
diwali firecrackers

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। एनर्जी एंड क्लाइमेट इंटेलिजेंस यूनिट (ईसीआईयू) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की दिवाली की रात भारत में लगभग 62,000 टन बारूद इस्तेमाल हुआ। यह 2024 की तुलना में करीब 13 प्रतिशत अधिक है। विशेषज्ञों ने इसे रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन दिनों की बमबारी के बराबर बताया है।

12 प्रमुख शहरों में किया खपत का आकलन

ईसीआईयू ने 12 प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई और जयपुर में विस्फोटक सामग्री की खपत का आकलन किया। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट के अनुसार, केवल पटाखों में इस्तेमाल हुआ बारूद लगभग 62,000 टन रहा। रासायनिक और पर्यावरणीय विश्लेषण बताते हैं कि पटाखों से उच्च तापमान, धात्विक मिश्रण और जहरीली गैसें उत्सर्जित होती हैं। पटाखों का तापमान 1,400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है।

रूस- यूक्रेन युद्ध में 20000 टन विस्फोटक दागे जाते हैं

एसआईपीआरआई और RUSI के आंकड़ों के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध में प्रतिदिन 20,000-21,000 टन विस्फोटक दागे जाते हैं। यानी दिवाली की एक रात का उत्सव युद्ध की तीन दिन की बमबारी के बराबर है। दिवाली के धुएं में मौजूद पीएम 2.5, पीएम 10, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड 36-48 घंटे तक वातावरण में बने रहते हैं और स्मॉग का कारण बनते हैं।
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