नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 100 से ज्यादा हत्याएं करने वाले कुख्यात अपराधी डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा उर्फ 'डॉक्टर डेथ' को राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार कर लिया है। वह बाबा का भेष बनाकर एक आश्रम में रह रहा था और पुलिस को लंबे समय से चकमा दे रहा था। 67 वर्षीय देवेंद्र, अलीगढ़ के पुरैनी गांव का निवासी है। वह वर्ष 1995 से 2004 के बीच अपने गैंग के साथ मिलकर न केवल टैक्सी और ट्रक चालकों की निर्मम हत्या करता था, बल्कि उनके शवों को ठिकाने लगाकर सबूत भी मिटा देता था।
बाबा के हुलिए में बना बैठा था ‘डॉक्टर डेथ’
100 से अधिक हत्याओं को अंजाम देने वाले कुख्यात अपराधी डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा उर्फ 'डॉक्टर डेथ' को पुलिस ने राजस्थान के दौसा में एक आश्रम के बाहर से गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी एक मोबाइल रिचार्ज के सुराग से संभव हो सकी। पुलिस को जानकारी मिली कि उसका फोन दौसा में रिचार्ज हुआ है। इसके बाद टीम ने उसकी लोकेशन ट्रेस की और एक सप्ताह तक एक मंदिर के आश्रम के बाहर निगरानी रखी। बाबा के वेश में छिपे आरोपी को पहचानने के बाद पुलिस ने दबोच लिया। 2004 में उसकी पत्नी ने उसकी क्रूर हरकतों से तंग आकर उसे हमेशा के लिए छोड़ दिया और बच्चों को लेकर मुंबई चली गई। उसका एक बेटा स्विट्जरलैंड और दूसरा केरल में नौकरी कर रहा है।
125 अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का भी गुनहगार
पूछताछ में सामने आया कि देवेंद्र ने 1998 से 2004 के बीच डॉ. अमित नामक व्यक्ति के साथ मिलकर 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट भी करवाए थे। वह गरीब और मजबूर लोगों को लालच देकर उन्हें डोनर बनाता था और मोटी रकम में उनका सौदा करता था। 2004 में पहली बार गिरफ्तारी के बाद उसके काले कारनामों का पर्दाफाश हुआ था। तब से अब तक 21 हत्याओं में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। दिल्ली के सात मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गुरुग्राम के एक केस में उसे फांसी की सजा दी जा चुकी है। देवेंद्र ने बताया कि वर्ष 1998 से 2004 के बीच उसने डॉ. अमित नामक व्यक्ति के साथ मिलकर गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर 125 से ज्यादा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करवाए। डोनर को पांच से सात लाख का लालच देकर बिहार, बंगाल और नेपाल से लाया जाता था। 2004 में गुरुग्राम में ये दोनों किडनी रैकेट के मामले में गिरफ्तार हुए थे।
हत्या के बाद शव मगरमच्छों के हवाले करता था
देवेंद्र ने बताया कि वह टैक्सी और ट्रक चालकों की हत्या करके उनके शव हजारा नहर में फेंक देता था। वहां मगरमच्छ शवों को खा जाते थे, जिससे सबूत मिट जाता था। 1984 में बीएएमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने दौसा में जनता क्लीनिक शुरू किया। डॉक्टरी के साथ-साथ उसने ठगी भी शुरू की। फर्जी गैस एजेंसी के नाम पर लोगों को ठगने लगा। बाद में अपराध की दुनिया में पूरी तरह उतर गया और एक गैंग बनाकर हत्याएं व वाहन चोरी करने लगा। देवेंद्र शर्मा को अब दिल्ली लाकर जेल प्रशासन के हवाले कर दिया गया है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।