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देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर

दिल्ली धमाके की जांच में चौंकाने वाला खुलासा: पिछले 4 दिनों में 4 हाईली एजुकेटेड मुस्लिम डॉक्टर आतंकी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार। JeM-ISIS से जुड़े डॉक्टरों के पास से 2900 किलो विस्फोटक। पूर्व DGP ने उठाए सवाल?

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Ajit Kumar Pandey
देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर | यंग भारत न्यूज

देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।पिछले 4 दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से 4 हाईली एजुकेटेड मुस्लिम डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ये डॉक्टर जैश ए मुहम्मद JeM और ISIS जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से जुड़े थे। दिल्ली ब्लास्ट की जांच में इनके तार जुड़े होने का शक है, जहां इनके पास से 2900 किलो विस्फोटक और रिसिन जैसा जहर बरामद हुआ है। यह नया 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' बताता है कि आतंक अब अनपढ़ों नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स के जरिए फैल रहा है। 

 10 नवंबर 2025 को देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास एक i20 कार ब्लास्ट ने न सिर्फ 12 लोगों की जान ली, बल्कि भारत के सुरक्षा तंत्र के सामने एक नया और खौफनाक सवाल खड़ा कर दिया है। यह सवाल है 'पढ़े-लिखे आतंक' का। क्या देश को दहलाने की साजिश रचने वाले कोई साधारण या अनपढ़ लोग थे? जवाब है - नहीं। जांच एजेंसियों ने पिछले 4 दिनों के भीतर जो खुलासा किया है, वह हैरान कर देने वाला है।

देश के अलग-अलग राज्यों से 4 हाईली क्वालिफाइड मुस्लिम डॉक्टरों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये पेशेवर डॉक्टर थे, जो या तो मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे या फिर मरीजों का इलाज करते थे। सवाल यह है कि जिस पेशे का मकसद जिंदगी बचाना होता है, उसी पेशे से जुड़े लोगों ने आखिर मौत का सामान क्यों और कैसे इकट्ठा किया? आतंक का नया चेहरा पढ़े-लिखे, हाई-प्रोफाइल और 'जेहादी' भारत में आतंकी गतिविधियों का यह नया ट्रेंड है, जहां हाई-प्रोफाइल, पढ़े-लिखे और प्रतिष्ठित पदों पर बैठे लोग देश के खिलाफ काम कर रहे हैं। 

गिरफ्तार किए गए इन चारों डॉक्टरों के पास से जो खतरनाक सामान बरामद हुआ है, वह किसी भी बड़े युद्ध की तैयारी जैसा लगता है। 

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बरामद हुए घातक सामानों की लिस्ट जिसने उड़ाई नींद 

2900 किलोग्राम विस्फोटक इतना ज्यादा है कि देश के कई बड़े शहरों को एक साथ दहलाने के लिए काफी था। घातक राइफलें और मैगजीन एके-47 जैसी राइफलें एक डॉक्टर के लॉकर से बरामद हुई हैं। 

रिसिन Ricin: जहरीला पदार्थ रिसिन सबसे खतरनाक जैविक जहरों में से एक है, जिसकी एक छोटी मात्रा भी हजारों की जान ले सकती है। 

गुप्त दस्तावेज और आतंकी साहित्य: JeM जैश-ए-मोहम्मद और ISIS इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों से जुड़े दस्तावेज। 

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इन खुलासों के बाद पूर्व जम्मू-कश्मीर डीजीपी एसपी वैद ने जो गंभीर टिप्पणी की है, वह इस पूरे मामले की गंभीरता को दर्शाती है। उन्होंने सवाल किया है, "घाटी में सबसे अधिक सम्मान जनकर और हाई डिमांड वाले 'डॉक्टर' बनने के बावजूद आत्मघाती हमलावर बन गए। ये बेहद दुखद है।" 'गद्दारी' पर पूर्व DGP का ने कहा कि "मां वैष्णो देवी के दान से डॉक्टर बने, उसी के बेटों को मार दिया" एसपी. वैद ने अपनी एक्स पोस्ट में जो बात कही, वह हर देशभक्त भारतीय के दिल को छूती है। उन्होंने सीधे तौर पर धन के स्रोत और गद्दार मानसिकता पर सवाल उठाए। 

देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर | यंग भारत न्यूज
देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

पूर्व डीजीपी वैद का भावुक बयान 

"कटरा मेडिकल कॉलेज को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, और मेडिकल कॉलेज सहित श्राइन बोर्ड का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह से मंदिर में आने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों के दान से वित्त पोषित होता है। और फिर हम डॉ मुज़म्मिल या डॉ नबी जैसे डॉक्टरों को देखते हैं, जो संभवतः ऐसे संस्थानों से ग्रेजुएट होते हैं, वही कर रहे हैं जो वे हमेशा करते हैं। कौन जिम्मेदार है?"

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वैद ने साफ तौर पर कहा कि जिस वैष्णो देवी मां के भक्तों के दान से ये डॉक्टर पढ़ाई करते हैं और सम्मान कमाते हैं, वही लोग आज देश के 'बेटों' को मारने की साजिश रच रहे हैं। यह सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि शिक्षा और धर्म के नाम पर गद्दारी का सबसे बुरा उदाहरण है। यह सीधा सवाल खड़ा करता है कि क्या हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में रेडिकलाइजेशन कट्टरता की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि समाज के सबसे प्रतिष्ठित लोग भी आतंकी मानसिकता अपना रहे हैं? 

दिल्ली धमाके के पीछे 4 डॉक्टरों का हाथ? किरदारों से समझें दहशत का पूरा खेल 

जांच एजेंसियों का मानना है कि इस 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' का भंडाफोड़ होने के डर से ही संदिग्धों ने जल्दबाजी में दिल्ली के लाल किले के पास ब्लास्ट को अंजाम दिया। यह कार ब्लास्ट एक छोटी चेतावनी थी, लेकिन असली साजिश बहुत बड़ी थी। दिल्ली पुलिस 13 संदिग्धों से पूछताछ कर रही है, लेकिन 4 डॉक्टरों की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। ये 4 किरदार कौन हैं और इनका आतंक से क्या कनेक्शन है, आइए समझते हैं।

डॉ. उमर उल नबी: पुलवामा कश्मीर, पेशेवर पहचान: फरीदाबाद की अलफला यूनिवर्सिटी में काम करता था। 

कनेक्शन: दिल्ली ब्लास्ट की i20 कार को चलाने वाला मुख्य संदिग्ध। 

कार इसी ने खरीदी थी, हालांकि डिटेल तारिक मलिक नाम के शख्स के दिए थे। वर्तमान स्थिति हिरासत में। 

सबसे बड़ा रहस्य: पूर्व डीजीपी वैद ने इसे ही लाल किला ब्लास्ट का संदिग्ध आत्मघाती हमलावर बताया है, जो सबसे अधिक मांग वाला डॉक्टर होने के बावजूद गद्दारी कर रहा था। 

डॉ. मुजम्मिल शकील कुयल: पुलवामा, कश्मीर पेशेवर पहचान: फरीदाबाद के अलफला मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। 

कनेक्शन: इसके किराये के कमरे से ही 360 किलो विस्फोटक, राइफल और मैगजीन बरामद हुई थीं। यह विस्फोटक कहां से आया और कहां इस्तेमाल होना था, इसकी जांच जारी है। वर्तमान स्थिति पुलिस हिरासत में। उसका भाई भी पुलिस की गिरफ्त में है। 

सबसे बड़ा रहस्य: यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हुए इतना बड़ा विस्फोटक का जखीरा छिपाना, शिक्षा के पवित्र पेशे को कलंकित करता है। 

देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर | यंग भारत न्यूज
देश को हिलाने वाला 'डॉक्टर टेरर मॉड्यूल' जब डॉक्टर ही बन गए मौत के सौदागर | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

डॉ. आदिल अहमद राठर: काजीगोड, अनंतनाग, कश्मीर पेशेवर पहचान: सहारनपुर में डॉक्टर की प्रैक्टिस करता था। 

कनेक्शन: अनंतनाग के जीएमसी मेडिकल कॉलेज के लॉकर से इसके नाम पर एक AK-47 राइफल मिली है। वर्तमान स्थिति पुलिस की गिरफ्त में। 

सबसे बड़ा रहस्य: 4 साल बाद भी मेडिकल कॉलेज का लॉकर बंद कैसे रहा? यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है। एक डॉक्टर का एके-47 से क्या काम? 

डॉ. शाहीन शाहिद: लखनऊ की महिला डॉक्टर। 

कनेक्शन: यह डॉक्टर मुजम्मिल शकील से जुड़ी हुई थी। मुजम्मिल की निशानदेही पर हुई कार्रवाई में, इसकी कार से भी हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं। वर्तमान स्थिति गिरफ्तार। 

सबसे बड़ा रहस्य: एक महिला डॉक्टर का आतंकी मॉड्यूल से जुड़ना और हथियार सप्लाई में शामिल होना, देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नया खतरा है। 

क्या किया जाना चाहिए? वैद ने पूछा - 'कौन जिम्मेदार है?' यह केस सिर्फ आतंकवादियों को पकड़ने का नहीं है। यह केस है सिस्टम की खामियों को उजागर करने का। 

शैक्षणिक संस्थानों की निगरानी: क्या हमारे विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों में छात्रों और फैकल्टी की विचारधारा पर कोई निगरानी है? 

डीजीपी वैद का सवाल, "कटरा मेडिकल कॉलेज में लगभग 70 परसेंट सीटें कश्मीर के छात्रों को आवंटित की गई थीं, जिसका खर्च हिंदू तीर्थयात्रियों के दान से चलता है, "इस ओर इशारा करता है कि फंडिंग और सीट आवंटन की नीति पर भी विचार की जरूरत है। 

वैरिफिकेशन की कमजोरी: आदिल अहमद का 4 साल से बंद लॉकर जिसमें एके-47 मिली इस बात का प्रमाण है कि सिक्योरिटी और वैरिफिकेशन सिस्टम कितना कमजोर है। 

ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन: ये हाई-प्रोफाइल पेशेवर किस तरह से JeM या ISIS के संपर्क में आए? यह दिखाता है कि ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन कितना खतरनाक और तीव्र है, जो एक डॉक्टर को भी 'आतंकवादी' बना सकता है। 

यह मामला पूरे देश के लिए एक 'वेक-अप कॉल' है। आतंकवाद अब बॉर्डर पार से सिर्फ घुसपैठ के जरिए नहीं आता, बल्कि यह हमारे सबसे प्रतिष्ठित और पढ़े-लिखे लोगों के बीच भी वैचारिक वायरस की तरह फैल रहा है। जब तक इस 'विचारधारा के कैंसर' को जड़ से खत्म नहीं किया जाता, तब तक हर शिक्षित पेशेवर पर संदेह की सुई बनी रहेगी। यह 'पढ़े-लिखे आतंक' देश के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है। 

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