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Watch : Donald Trump का दवा कंपनियों पर 100 फीसदी टैरिफ वाला दांव : Indian फार्मा पर क्या होगा असर?

दवा कंपनियों के लिए ट्रंप के नए टैरिफ का सबसे ज़्यादा असर भारतीय उत्पादों पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत, अमेरिका को दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। 2024 में, भारत का कुल दवा निर्यात 12.72 अरब अमेरिकी डॉलर का था।

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Ajit Kumar Pandey
Watch : Donald Trump का दवा कंपनियों पर 100 फीसदी टैरिफ वाला दांव : Indian फार्मा पर क्या होगा असर? | यंग भारत न्यूज

Watch : Donald Trump का दवा कंपनियों पर 100 फीसदी टैरिफ वाला दांव : Indian फार्मा पर क्या होगा असर? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक और बड़ी घोषणा करते हुए फार्मा उत्पादों के आयात पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू होगा। माना जा रहा है कि ट्रंप के इस फैसले का सबसे ज़्यादा असर भारतीय दवा निर्माताओं पर पड़ेगा। अमेरिका, भारतीय दवा निर्माताओं के लिए एक बड़ा बाज़ार है। हालांकि, कुछ जानकारों का यह भी मानना ​​है कि ट्रंप के इस फैसले का सबसे ज़्यादा असर खुद अमेरिका पर ही पड़ेगा। 

ट्रंप के नए टैरिफ का सबसे ज़्यादा असर भारतीय फार्मा उत्पादों पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत, अमेरिका को दवाइयों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। साल 2024 में भारत का कुल दवा निर्यात 12.72 अरब डॉलर था। इसमें से 8.7 अरब डॉलर अमेरिका को गए। जबकि, वहां से भारत को केवल 80 करोड़ डॉलर के दवा उत्पाद ही आते हैं। 

वर्तमान में भारत, अमेरिका से आयातित इन दवाओं पर 10.91 प्रतिशत टैरिफ लगाता है। दूसरी ओर अमेरिका भारतीय दवाओं पर कोई टैरिफ नहीं लगा रहा है। 2 अप्रैल 2025 को टैरिफ की घोषणा में ट्रम्प ने दवा क्षेत्र को इससे बाहर रखा और उस पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया। हालांकि, अब इन दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगने से ये और महंगी हो जाएंगी।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में अमेरिका में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दस में से चार दवाएं भारतीय कंपनियों से आती हैं। दरअसल, अकेले भारतीय कंपनियों की दवाओं ने 2022 में अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को 219 अरब डॉलर और 2013 से 2022 तक कुल 1.3 ट्रिलियन डॉलर की बचत कराई। इसका मतलब साफ है कि अमेरिका हमारी जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल करके पैसा बचा रहा है। अगले पांच वर्षों में भारतीय कंपनियों की जेनेरिक दवाओं से अमेरिका को अतिरिक्त 1.3 ट्रिलियन डॉलर की बचत होने की उम्मीद है।

उल्टा पड़ सकता है ट्रंप की टैरिफ वाला दांव

दवाओं पर पारस्परिक शुल्क लगाना अमेरिका के लिए आत्मघाती कदम साबित हो सकता है। अब तक हिचकिचा रहे ट्रंप ने ज़िद करके यह फैसला लिया है लेकिन, यह अमेरिकियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

भारत से आयातित दवाएं खासकर जेनेरिक दवाएं, अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली जो दुनिया की सबसे महंगी स्वास्थ्य सेवाओं में से एक है, में लागत कम रखने में मदद करती हैं।

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स्वास्थ्य सेवा डेटा और विश्लेषण कंपनी IQVIA के अनुसार, साल 2022 में अमेरिका में दिए जाने वाले दस में से चार नुस्खे भारतीय कंपनियों के थे।

अमेरिकी भारतीय दवाओं पर किस हद तक निर्भर हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में निर्मित जेनेरिक रोसुवास्टेटिन की खपत 2016 से 2022 के बीच बाज़ार में आने के बाद दोगुनी हो गई।

भारत अपने दवा निर्यात का 31.5 प्रतिशत अमेरिका को भेजता है। ट्रंप का टैरिफ बम भारतीय दवा कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है। अमेरिकी बाज़ार में बेहद कम मुनाफ़े पर काम कर रही ये कंपनियां अमेरिकी बाज़ार से बाहर निकलने पर मजबूर हो सकती हैं।

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ट्रंप चाहते हैं कि सभी दवा कंपनियां अमेरिका में अपने प्लांट खोलें। अब तक ट्रंप ने फार्मास्यूटिकल्स, कॉपर, सेमीकंडक्टर, लकड़ी, बुलियन, ऊर्जा और कुछ खनिजों को पारस्परिक टैरिफ से छूट दी थी। लेकिन, अब उन्होंने फार्मास्यूटिकल्स पर अपना टैरिफ बम गिरा दिया है।

ट्रंप की टैरिफ का ज्यादा असर अमेरिका पर

ट्रम्प की घोषणा के जवाब में समाचार एजेंसी एएनआई से फार्मेक्सिल के अध्यक्ष नमित जोशी ने कहा है कि, "यह पेटेंटेड और ब्रांडेड उत्पादों से ज़्यादा जुड़ा है, जबकि भारत अमेरिका को जेनेरिक दवाओं का एक बड़ा हिस्सा निर्यात करता है। इसलिए हमें अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की इस विशेष श्रेणी पर ज़्यादा असर नहीं दिख रहा है..."

नमित जोशी ने कहा कि भारत लंबे समय से सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक प्रमुख स्तंभ रहा है, विशेष रूप से जेनेरिक दवा बाजार में, जहां यह अमेरिका की लगभग 47 प्रतिशत दवा आवश्यकताओं की आपूर्ति करता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय दवा कंपनियां जीवन रक्षक दवाओं सहित आवश्यक दवाओं की सामर्थ्य और उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश कुमार ने बताया 100 फीसदी टैरिफ का असर

AKHILESH GAUTAM
Watch : Donald Trump का दवा कंपनियों पर 100 फीसदी टैरिफ वाला दांव : Indian फार्मा पर क्या होगा असर? | यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)

वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश कुमार ने बताया कि, अमेरिका की दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ का भारत पर गहरा असर पड़ेगा। भारत दुनिया के सबसे बड़े जेनेरिक दवा आपूर्तिकर्ताओं में है और अमेरिकी बाज़ार उसका प्रमुख उपभोक्ता है। वर्तमान में भारतीय दवा कंपनियों की लगभग 40 प्रतिशत निर्यात आय अमेरिका से आती है।  टैरिफ दोगुना होने पर वहां की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता घटेगी। 

अखिलेश कहते हैं कि "जेनेरिक दवाओं की सबसे बड़ी ताकत उनकी सस्ती उपलब्धता है। यदि अमेरिका में इन पर लागत बढ़ी, तो वहीं की लोकल कंपनियों को बढ़त मिलेगी और भारतीय दवा उद्योग पर दबाव आएगा।" भारत में इसका असर रोज़गार और निवेश पर भी दिख सकता है। फार्मा इंडस्ट्री करीब 30 लाख लोगों को सीधा-परोक्ष रोज़गार देती है। निर्यात घटने पर उत्पादन कम होगा, नई दवा रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश धीमा पड़ेगा। 

साथ ही छोटे-बीच के दवा निर्माता, जो अमेरिकी बाज़ार पर निर्भर हैं उनके अस्तित्व पर संकट मंडरा सकता है। मरीजों पर असर की बात करें तो अखिलेश के मुताबिक, "टैरिफ का भार सीधे अमेरिकी उपभोक्ता पर पड़ेगा। वहां जेनेरिक दवाएं महंगी होंगी, जिससे हेल्थकेयर की लागत बढ़ेगी।" 

हालांकि भारत में घरेलू बाज़ार पर इसका सीधा असर सीमित रहेगा, लेकिन विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है। वैसे भारत सरकार ने रणनीतिक तौर पर नए बाज़ार तलाश ली है। अखिलेश मानते हैं कि यदि यह टैरिफ लंबे समय तक बना रहा, तो भारतीय दवा उद्योग को नए आयाम और नीतिगत बदलावों की दिशा में सोचना पड़ेगा।

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