/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/23/raghuram-rajan-2025-07-23-12-07-02.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. रघुराम राजन ने अमेरिकी टैरिफ को बेहद चिंताजनक बताया है। उनका मानना है कि भारत किसी एक व्यापारिक साझेदार पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कदम उठाए।
राजन का ये भी कहना है कि भारत रूसी तेल आयात पर अपनी नीति का पुनर्मूल्यांकन करे। हमें यह पूछना होगा कि किसे फायदा हो रहा है और किसे नुकसान। रिफाइनर बेहद मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि निर्यातक टैरिफ के माध्यम से इसकी कीमत चुका रहे हैं। अगर फायदा बहुत अधिक नहीं है तो संजीदगी से विचार करना होगा कि क्या हमें रूस से तेल की खरीदारी जारी रखनी चाहिए। गंभीर मंथन करना होगा।
अमेरिका ने बुधवार से लगाया है 50 प्रतिशत टैरिफ
अमेरिका ने बुधवार से भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसमें रूसी तेल की खरीद से जुड़ा 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है। डॉ. राजन ने चेतावनी दी कि आज की वैश्विक व्यवस्था में व्यापार, निवेश और वित्त को तेजी से हथियार बनाया जा रहा है। भारत को सावधानी से कदम उठाने चाहिए। अगर संजीदगी नहीं बरती गई तो आने वाले दिनों में नुकसान और ज्यादा भी हो सकता है।
राजन ने इंडिया टुडे टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि यह एक चेतावनी है। हमें किसी एक देश पर बहुत अधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए। हमें पूर्व की ओर, यूरोप की ओर, अफ्रीका की ओर देखना चाहिए। अमेरिका के साथ भी आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन सथ साथ ऐसे सुधारों को लागू करना चाहिए जो हमें अपने युवाओं को रोजगार देने के लिए आवश्यक 8-8.5% की विकास दर हासिल करने में मदद करें।
बोले- हमें अपने निर्यात बाजारों में लानी होगी विविधता
भारत की चीन से तुलना करते हुए राजन ने कहा कि मुद्दा निष्पक्षता का नहीं, बल्कि जियो पालिटिक्स का है। उन्होंने कहा- हमें किसी पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए। व्यापार को हथियार बना दिया गया है। निवेश को हथियार बना दिया गया है। वित्त को हथियार बना दिया गया है। हमें अपने आपूर्ति स्रोतों और निर्यात बाजारों में विविधता लानी होगी।
टैरिफ का नुकसान अमेरिकी उपभोक्ताओं को भी
राजन ने कहा कि हम चीन, जापान, अमेरिका या किसी और के साथ भी काम जरूर करें। लेकिन उन पर निर्भर न रहें। तय करें कि आपके पास विकल्प मौजूद हों। अमेरिकी टैरिफ को एक बड़ा झटका बताते हुए राजन ने कहा कि इस कदम से विशेष रूप से झींगा किसानों और कपड़ा निर्माताओं जैसे छोटे निर्यातकों को नुकसान होगा, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। यह अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए भी हानिकारक है। वो अब 50 प्रतिशत की छूट पर सामान खरीदेंगे।
Raghuram Rajan, former RBI governor, US tariffs, Russian oil