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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ा लिया है। भारतीय सेना के लिए अब एक खास बंदूक तैयार की गई है, जिसका नाम है 5.56x45 मिमी CQB कार्बाइन। इस हथियार को देश में ही बनाया गया है। इसे DRDO की संस्था आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण भारत फोर्ज लिमिटेड करेगी।
Significantly boosting #atmanirbharta in critical technology, 5.56x45 mm CQB Carbine, designed and developed by Armament Research and Development Establishment(ARDE), DRDO and produced by @BharatForgeLtd selected as L1 in #IndianArmy RFP pic.twitter.com/x7AoFxHT4i
— DRDO (@DRDO_India) June 23, 2025
क्लोज बैटल में दुश्मन पर पडेगी भारी
सेना के लिए हथियार खरीदने की प्रक्रिया में यह बंदूक L1 यानी सबसे सस्ती और सही बोली लगाने वाले के तौर पर चुनी गई है। यह कार्बाइन खासतौर पर करीबी लड़ाई (Close Quarter Battle) के लिए बनाई गई है। इसका इस्तेमाल शहरों या बिल्डिंग जैसी जगहों पर होने वाली जंग में ज्यादा असरदार होगा। इस स्वदेशी हथियार के आने से अब भारतीय सेना को विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी मजबूती मिलेगी और देश की सेना और ताकतवर होगी।
नई कार्बाइन की खासियत
5.56x45 मिमी CQB कार्बाइन की सबसे बड़ी विशेषता इसका हल्का और संतुलित डिजाइन है, जो इसे करीब से होने वाली मुठभेड़ों में बेहद प्रभावी बनाता है। यह कार्बाइन तंग जगहों या शहरी इलाकों में ऑपरेशन के दौरान दुश्मन को सटीक तरीके से निशाना बनाने में सक्षम है। इसमें ऑप्टिक्स, लेजर डिजाइनर और अन्य सहायक उपकरण लगाने की भी सुविधा दी गई है, जिससे सैनिकों को आधुनिक लड़ाई में तकनीकी बढ़त मिलती है।
स्टर्लिंग कार्बाइन की जगह लेगी नई स्वदेशी CQB कार्बाइन
भारतीय सेना में अभी तक करीब 80 साल पुरानी स्टर्लिंग कार्बाइन का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे 1940 में डिजाइन किया गया था। सेना लंबे समय से इस पुराने हथियार को बदलने की तैयारी में थी, क्योंकि स्टर्लिंग कार्बाइन मौजूदा युद्ध परिस्थितियों और तकनीकी जरूरतों के हिसाब से अब पुरानी मानी जाती है। सेना की इस जरूरत को पूरा करने के लिए पुणे स्थित DRDO के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) ने नई और आधुनिक 5.56x45 मिमी CQB कार्बाइन डिजाइन करने का बीड़ा उठाया। इस नई स्वदेशी कार्बाइन के आने से भारतीय सेना को एक आधुनिक, हल्की और तकनीकी रूप से उन्नत हथियार मिलेगा, जो मौजूदा ऑपरेशन और खतरनाक मिशनों में कारगर साबित होगा।