Advertisment

Earthquake: होली के दिन भारत के दो प्रदेशों में भूकंप के झटके, यहाँ काँप उठी धरती

होली के दिन लद्दाख (5.2 तीव्रता) और अरुणाचल प्रदेश (4.0 तीव्रता) में भूकंप के झटकों से धरती कांप उठी। किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं, लेकिन यह हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के बढ़ते खतरे की याद दिलाता है।

author-image
Vibhoo Mishra
एडिट
gtr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

होली के जश्न के बीच शुक्रवार, 14 मार्च को भारत के दो राज्यों लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता और अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग में 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप के झटकों से दोनों इलाकों में हलचल मच गई, लेकिन किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।

कारगिल, लद्दाख में भूकंप के विवरण

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, कारगिल में आए भूकंप की प्रमुख जानकारी इस प्रकार है-

Advertisment

समय: 14 मार्च 2025, सुबह 2:50 बजे (IST)
तीव्रता: 5.2
गहराई: 15 किलोमीटर
निर्देशांक: 33.37°N, 76.76°E

इस भूकंप के झटके जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि कई लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है। 

अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग में भूकंप

Advertisment

कारगिल में भूकंप के लगभग तीन घंटे बाद, अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। NCS के अनुसार:

समय: 14 मार्च 2025, सुबह 6:01 बजे (IST)
तीव्रता: 4.0
गहराई: 10 किलोमीटर

इस क्षेत्र में भी झटकों के कारण लोग सतर्क हो गए, लेकिन किसी नुकसान की खबर नहीं है।

Advertisment

यह भी पढ़ें: Digital Arrest पर एक्‍शन: 83 हजार से ज्‍यादा WhatsApp अकाउंट ब्‍लॉक, इस नंबर पर करें शिकायत

भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र

लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश दोनों ही भूकंपीय दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं। हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण, ये क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से उच्च जोखिम वाले जोन में शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन क्षेत्रों में भूकंपीय गतिविधियां जारी रह सकती हैं, इसलिए यहां के निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। 

भूकंप के दौरान क्या करें?

भूकंप आने पर घबराएं नहीं और किसी मजबूत मेज या टेबल के नीचे शरण लें।

खिड़कियों, शीशों और ऊंची अलमारियों से दूर रहें।

अगर आप बाहर हैं, तो खुले मैदान में चले जाएं और पेड़ों या इमारतों से दूर रहें।

आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, पानी, और ज़रूरी दवाइयां हों।

भूकंप के बाद इमारतों की जांच करें और अगर कोई दरार या नुकसान दिखे, तो वहां रहने से बचें।

यह भी पढ़ें: CBSE का होली गिफ्ट: 15 मार्च को नहीं दे सकते बोर्ड एग्जाम? अब मिलेगा दूसरा मौका!

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि टेक्टोनिक मूवमेंट की वजह से भारत के उत्तरी और पूर्वोत्तर हिस्से में भूकंप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल के कुछ वर्षों में, नेपाल, उत्तराखंड, सिक्किम, असम, और अरुणाचल प्रदेश में भी कई बार तेज भूकंप दर्ज किए गए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में बड़े भूकंप की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, इसलिए सरकार और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

 

Advertisment
Advertisment