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ECI के SIR अभियान में खुला बड़ा फर्ज़ीवाड़ा? जानिए - कैसे अपात्र वोटर भी बन जाते हैं वोटिंग लिस्ट का हिस्सा?

चुनाव आयोग ने SIR अभियान शुरू किया, उद्देश्य - हर पात्र वोटर का नाम सूची में हो, कोई अयोग्य शामिल न हो। 1 लाख+ स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांगों की मदद करेंगे। यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए बड़ा कदम है। अपना वोट चेक करें!

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Ajit Kumar Pandey
चुनाव आयोग के अधिकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान SIR के बारे में बता रहे हैं | यंग भारत न्यूज

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार विशेष सारांश पुनरीक्षण (SIR) अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।मतदाता सूची में आपका नाम है या नहीं? यह सवाल जितना आसान लगता है, उतना ही गहरा है। भारत का चुनाव आयोग (ECI) यह सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुका है कि देश का हर पात्र नागरिक चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बने। विशेष सारांश पुनरीक्षण (SIR) अभियान, जिसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की है, का सीधा और स्पष्ट उद्देश्य है: कोई भी पात्र वोटर छूटे नहीं, और कोई भी अपात्र वोटर शामिल न हो। यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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क्या आप जानते हैं कि आपका एक वोट कितना महत्वपूर्ण है? यह न केवल आपकी आवाज है, बल्कि यह आपके क्षेत्र और देश के भविष्य को भी आकार देता है। चुनाव आयोग की यह पहल यह सुनिश्चित करेगी कि हर आवाज गिनी जाए, खासकर उन लोगों की जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

भारत जैसे विशाल और विविध देश में मतदाता सूची को अपडेट रखना एक बड़ी चुनौती है। हर साल लाखों लोग 18 वर्ष के होते हैं, कई लोग जगह बदलते हैं, और दुखद रूप से कुछ लोग हमें छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे में मतदाता सूची को सटीक और अद्यतन रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।

समावेशन सुनिश्चित करना: SIR का मुख्य लक्ष्य उन सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना है जो किसी कारणवश अब तक छूट गए हैं। इसमें युवा, नए मतदाता, प्रवासी श्रमिक, और वे लोग शामिल हैं जिन्होंने हाल ही में अपना निवास स्थान बदला है।

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अपात्रता रोकना: साथ ही, यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति, जैसे कि मृतक या डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ, सूची में न रहें। इससे चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनी रहती है।

निष्पक्ष चुनाव की नींव: एक सटीक मतदाता सूची ही निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव की नींव है। अगर सूची में गड़बड़ी होगी, तो चुनाव परिणाम पर भी सवाल उठ सकते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया है कि आयोग इस प्रक्रिया को जितना संभव हो उतना सुलभ बनाना चाहता है। उनका मानना है कि लोकतंत्र की ताकत तभी है जब हर नागरिक को मताधिकार का प्रयोग करने का समान अवसर मिले।

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1 लाख से अधिक स्वयंसेवक करेंगे मदद

यह अभियान केवल सरकारी तंत्र पर निर्भर नहीं है। चुनाव आयोग ने इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए एक लाख से अधिक स्वयंसेवकों को तैनात किया है। ये स्वयंसेवक उन लोगों के लिए मददगार साबित होंगे जिन्हें फॉर्म भरने या प्रक्रिया को समझने में कठिनाई हो सकती है।

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किसे मिलेगी मदद?

बुजुर्ग: अक्सर बुजुर्गों को तकनीकी प्रक्रियाओं को समझने में दिक्कत आती है। स्वयंसेवक उन्हें फॉर्म भरने और आवश्यक दस्तावेज इकट्ठा करने में सहायता करेंगे।

बीमार: जो लोग बीमारी के कारण घर से बाहर नहीं निकल सकते, उनके लिए स्वयंसेवकों की मदद बहुत मूल्यवान होगी।

दिव्यांगजन (PwD): दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे बिना किसी बाधा के अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करवा सकें।

हाशिए पर रहने वाले समूह: समाज के हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों को भी इस प्रक्रिया में विशेष सहायता मिलेगी ताकि वे भी मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

यह मानवीय दृष्टिकोण इस अभियान को और भी खास बनाता है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक समावेशी पहल है।

आप कैसे कर सकते हैं अपना नाम चेक या शामिल?

यह प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा सरल बना दी गई है। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से अपना नाम चेक कर सकते हैं या नया पंजीकरण करवा सकते हैं।

ऑनलाइन: चुनाव आयोग की वेबसाइट या Voter Helpline App का उपयोग करके आप आसानी से अपना नाम खोज सकते हैं, त्रुटियों को ठीक कर सकते हैं, या नया पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ बुनियादी जानकारी और दस्तावेज अपलोड करने होंगे।

ऑफलाइन: अपने क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारी (BLO) से संपर्क करें। वे आपको आवश्यक फॉर्म और प्रक्रिया के बारे में मार्गदर्शन करेंगे। विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर विशेष शिविर भी लगाए जाएंगे जहाँ आप सीधे पंजीकरण करवा सकते हैं।

आवश्यक दस्तावेज: आमतौर पर, पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस) और पते का प्रमाण (बिजली बिल, राशन कार्ड) की आवश्यकता होती है।

यह सुनिश्चित करना आपकी भी जिम्मेदारी है कि आपका नाम मतदाता सूची में सही हो। कुछ मिनटों का यह प्रयास आपके भविष्य और देश के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

लोकतंत्र की मजबूती के लिए हर वोट जरूरी

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और इसकी सफलता प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है। मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन रखने का यह अभियान इसी भागीदारी को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि आयोग का लक्ष्य सिर्फ संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्ता और समावेशिता सुनिश्चित करना है।

याद रखिए, आपका एक वोट न केवल एक अधिकार है, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। यह आपके जनप्रतिनिधि को चुनने का अवसर है, जो आपके क्षेत्र की समस्याओं को संसद या विधानसभा में उठाएगा।

SIR अभियान केवल वर्तमान चुनावों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह भविष्य के लिए भी एक मजबूत नींव तैयार कर रहा है। जैसे-जैसे देश डिजिटल होता जा रहा है, चुनावी प्रक्रिया को भी अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना आवश्यक है। यह अभियान इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

चुनाव आयोग की यह पहल दर्शाती है कि वे लोकतंत्र के हर स्तंभ को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सुनिश्चित करना कि कोई भी योग्य वोटर छूटे नहीं, और कोई भी अपात्र शामिल न हो, हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को और भी मजबूत बनाएगा।

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? क्या आपको लगता है कि यह अभियान हर पात्र वोटर तक पहुंच पाएगा? नीचे कमेंट करके अपने विचार साझा करें और इस महत्वपूर्ण जानकारी को दूसरों के साथ भी साझा करें। 

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