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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 48,000 करोड़ रुपये की कथित पोंजी योजना से जुड़े एक मामले में धनशोधन निरोधक कानून के तहत पीएसीएल (पर्ल्स समूह) और उसके प्रवर्तकों की 762 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। इस पोंजी योजना के माध्यम से कई निवेशकों के साथ ठगी हुई थी।
दिल्ली सहित कई राज्यों में 68 अचल संपत्तियां कुर्क
ईडी ने एक बयान में कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और ऑस्ट्रेलिया में स्थित 68 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एक आदेश जारी किया गया है। वर्ष 2015 की धनशोधन जांच ‘पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (पीएसीएल), पीजीएफ लिमिटेड, इसके मुख्य प्रवर्तक, दिवंगत निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित थी।
लाखों निवेशकों को लगाया चूना
ईडी ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से पीएसीएल और उसके निदेशकों ने निवेशकों से लगभग 48,000 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। एजेंसी ने कहा, लाखों भोले-भाले निवेशकों से धोखाधड़ी से जमा की गई धनराशि को व्यवस्थित रूप से दूसरी जगह लगाया गया और उसके अवैध स्रोत को छिपाने के लिए कई लेनदेन के माध्यम से उसे ठिकाने लगाया गया। इसने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति भंगू, उसके परिवार के सदस्यों और पीएसीएल से संबंधित संस्थाओं के नाम पर है। ईडी ने कहा कि इन संपत्तियों का कुल मूल्य 762.47 करोड़ रुपये है। भंगू का पिछले साल अगस्त में निधन हो गया था।
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