/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/31/andman-in-ed-raids-2025-07-31-13-05-25.jpg)
ED का अंडमान और निकोबार में छापा : क्या है कोऑपरेटिव बैंक घोटाला? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । ED ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए एक सहकारी बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। इस अचानक हुई कार्रवाई ने द्वीप के शांत माहौल में हलचल मचा दी है। आखिर क्या है यह घोटाला और कौन हैं इसके पीछे?
इस खबर के सामने आते ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हड़कंप मच गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहली बार इस केंद्र शासित प्रदेश में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) से जुड़े एक बड़े मामले में छापेमारी की है। ये छापे एक सहकारी बैंक से जुड़े धोखाधड़ी के आरोप में मारे गए हैं, जिसने द्वीप के वित्तीय गलियारों में भूचाल ला दिया है।
ED के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये छापे राजधानी पोर्ट ब्लेयर सहित अंडमान के विभिन्न स्थानों पर मारे गए हैं। यह कार्रवाई एक बड़े घोटाले से जुड़ी है, जिसमें कथित तौर पर सहकारी बैंक के माध्यम से बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं। सूत्रों के अनुसार, यह मामला कई सालों से चल रहा था और अब जाकर ईडी ने इस पर शिकंजा कसा है।
ED conducts first-ever raids in Andaman and Nicobar Islands in cooperative bank 'fraud' linked PMLA case: Officials pic.twitter.com/sl1FSNife3
— Press Trust of India (@PTI_News) July 31, 2025
आखिर क्यों अचानक ED ने अंडमान में की एंट्री?
दरअसल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत जीवनशैली के लिए जाना जाता है। ऐसे में ED का यहां पहली बार कदम रखना कई सवाल खड़े करता है। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसियों को लंबे समय से इस सहकारी बैंक में हो रही गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों में फर्जी ऋण वितरण, संपत्ति की गलत तरीके से खरीद-फरोख्त और बेनामी लेनदेन जैसे गंभीर आरोप शामिल थे।
यह भी बताया जा रहा है कि इस मामले में कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी पहचान अभी उजागर नहीं की गई है। ED की टीम ने छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और कुछ नकदी भी जब्त की है। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि देश में कहीं भी, चाहे वह कितना भी दूरस्थ क्यों न हो, वित्तीय अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
ईडी ने क्या क्या कहा....
प्रवर्तन निदेशालय (ED) अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबी) धोखाधड़ी मामले में अंडमान निकोबार द्वीप समूह में अपनी पहली तलाशी ले रहा है। पोर्ट ब्लेयर और उसके आसपास नौ जगहों और कोलकाता में दो जगहों पर तलाशी चल रही है।
पोर्ट ब्लेयर में तलाशी के दौरान, एएनएससी बैंक द्वारा ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाएं प्रदान करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। अब तक एकत्र किए गए साक्ष्यों से संकेत मिलता है कि बैंक की निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों की अनदेखी करके विभिन्न फर्जी कंपनियों और फर्मों को ऋण सुविधाएं प्रदान की गईं।
ED की जांच से यह भी पता चला है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा के लाभ के लिए संदिग्धों द्वारा लगभग 15 संस्थाओं और कंपनियों का एक समूह बनाया गया था और इन संस्थाओं ने ANSCB से धोखाधड़ी करके 200 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएं लीं। यह भी पता चला है कि इन ऋणों का एक बड़ा हिस्सा नकद निकाला गया और कुलदीप राय शर्मा सहित लाभार्थियों को भुगतान किया गया। बता दें कि कुलदीप राय शर्मा अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष भी हैं।
ED ने अपराध और आर्थिक अपराध, अंडमान निकोबार पुलिस द्वारा विभिन्न निजी व्यक्तियों और बैंक के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मामले में जांच शुरू की है।
Andaman cooperative bank fraud | Andaman money laundering scam | ED raids | Enforcement Directorate