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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत की सांस्कृतिक विरासत पर दुनियाभर के बड़े वैज्ञानिक, विचारक और तकनीकी विशेषज्ञ जब बात करते हैं, तो उसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है। अब टेस्ला के मालिक एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने भारत की प्राचीनता और वेदों की वैज्ञानिकता को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। उन्होंने राम मंदिर दर्शन की इच्छा जताई है और कहा है कि भारत की सभ्यता 14,000 साल पुरानी है, जो अब भी उतनी ही रहस्यमयी और प्रेरणादायक है।
भारत के बिना अधूरी है दुनिया की कहानी: एरोल मस्क
एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने भारत की आध्यात्मिकता और इतिहास को लेकर जो बातें कही हैं, वे किसी शोध पत्र से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि "दुनिया का इतिहास एक न एक दिन भारत से जुड़ता ही है। मेरे पास वे वेद हैं जिनमें उड़ने वाले विमानों तक का जिक्र है।"
उन्होंने बताया कि उन्होंने एक किताब भी लिखी है जिसमें कश्मीर, दिल्ली, अयोध्या और भारत के अन्य ऐतिहासिक व आध्यात्मिक स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी है।
“भारत एक अद्भुत और आकर्षक जगह है। मैं अयोध्या के राम मंदिर को देखने के लिए बहुत उत्सुक हूं।”
#WATCH | Delhi: On India's cultural, heritage and spirituality, father of Tesla CEO Elon Musk and Servotec's Errol Musk says, "I am very keen on doing that (visit Ram Mandir in Ayodhya). I have a very humble appreciation of India's incredible history. To my mind, the history of… pic.twitter.com/GKLlhvwcBR
— ANI (@ANI) June 2, 2025
वेदों में विज्ञान, भारत में रहस्य!
एरोल मस्क ने भारत की वेद परंपरा, प्राचीन तकनीक और सभ्यता की गहराई को दुनिया के लिए मिसाल बताया। वे कहते हैं कि कुछ वेदों में 'उड़ने वाले यंत्रों' (Vimanas) तक का उल्लेख है, जो आज के ड्रोन और हवाई जहाज जैसी कल्पनाओं से भी आगे हैं।
यह बयान भारत की उस वैज्ञानिक और आध्यात्मिक धरोहर की ओर इशारा करता है, जिसे आज की पीढ़ी अक्सर भूल जाती है।
राम मंदिर: आधुनिकता में समाई आस्था की झलक
एरोल मस्क ने खासतौर पर अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की बात करते हुए कहा कि वे वहां दर्शन करने जरूर जाएंगे। उनका यह बयान केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक वैश्विक चेतना का संकेत देता है कि भारत की विरासत अब सिर्फ भारत की नहीं, दुनिया की है।
मस्क परिवार की भारत के प्रति बढ़ती रुचि
एलन मस्क खुद भी कई बार भारत को लेकर अपनी दिलचस्पी जता चुके हैं। अब उनके पिता का यह बयान भारत की ग्लोबल इमेज को और मजबूत करता है। भारत सिर्फ IT और स्पेस के क्षेत्र में ही नहीं, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संदर्भों में भी विश्वगुरु की भूमिका में आ रहा है।
क्या भारत को फिर से विश्वगुरु मानने लगे हैं पश्चिमी विचारक?
एरोल मस्क का यह वक्तव्य केवल एक व्यक्तिगत राय नहीं बल्कि एक वैश्विक रुझान की झलक है। वेद, योग, आयुर्वेद, अध्यात्म- ये सब फिर से दुनिया को भारत की ओर खींच रहे हैं।
भारत की आध्यात्मिक धरोहर, वेदों की वैज्ञानिकता और सांस्कृतिक गौरव को लेकर एरोल मस्क का बयान सिर्फ एक तारीफ नहीं, बल्कि आने वाले वैश्विक बदलावों की शुरुआत का संकेत है।
क्या आप इससे सहमत हैं? क्या भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है? नीचे कमेंट करके अपनी राय दें।
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