नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों को बड़ी राहत देते हुए ईपीएफ खाते के ट्रांसफर से जुड़ी प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक सरल बना दिया है। शुक्रवार को EPFO ने फॉर्म-13 में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ईपीएफ ट्रांसफर के लिए एम्प्लॉयर (डेस्टिनेशन ऑफिस) की मंजूरी की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।
आसान हो जाएगी प्रक्रिया
अब यदि कोई कर्मचारी एक नौकरी से दूसरी में जाता है तो ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर के लिए केवल पहले वाले (सोर्स) ऑफिस की मंजूरी ही पर्याप्त होगी। डेस्टिनेशन ऑफिस की मंजूरी की अब आवश्यकता नहीं होगी। EPFO के इस फैसले से 1.25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा और नौकरी बदलने के बाद पीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा सहज हो जाएगी। ईपीएफओ ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि इस फैसले के साथ ही एक नया रीवैंप्ड फॉर्म-13 सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया गया है, जिससे ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक हो जाएगी। एक बार सोर्स ऑफिस से क्लेम अप्रूव हो जाने पर खाता स्वतः ही नए नियोक्ता के पास ट्रांसफर हो जाएगा।
ईपीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया तेज होगी
EPFO के अनुसार, इस नई व्यवस्था से हर साल लगभग 90,000 करोड़ रुपये के ईपीएफ ट्रांसफर की प्रक्रिया तेज होगी और इससे कर्मचारियों का समय और मेहनत दोनों बचेगी। इसके अतिरिक्त, EPFO ने यूएएन (UAN) जेनरेट करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किए हैं। अब आधार की बाध्यता को कुछ हद तक शिथिल करते हुए, नियोक्ता अपने रिकॉर्ड के आधार पर बल्क में यूएएन जेनरेट कर सकेंगे। इससे नए सदस्यों के खातों में जल्दी फंड जमा कराने में मदद मिलेगी। EPFO ने कहा है कि वह अपने सदस्यों और नियोक्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है।