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सेना का एक युग समाप्त : जानें — लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि की असाधारण यात्रा! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज गुरूवार 31 जुलाई 2025 को लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि 39 साल की शानदार सैन्य सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (VCOAS) का पद भी छोड़ दिया है। उनके उल्लेखनीय करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां शामिल हैं, जिसने देश की सुरक्षा में अहम योगदान दिया।
आज भारतीय सेना के एक गौरवशाली अध्याय का समापन हुआ जब वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (VCOAS) लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि 39 वर्षों की शानदार सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो गए। उनका सफर सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि निस्वार्थ सेवा, नेतृत्व और देश प्रेम की मिसाल है। यह खबर उनके योगदान को याद दिलाती है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि का सैन्य जीवन दिसंबर 1985 में गढ़वाल राइफल्स में कमीशन होने के साथ शुरू हुआ। उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से अपनी यात्रा की शुरुआत की, जहाँ से उन्होंने सैन्य जीवन की पहली सीढ़ी चढ़ी। उनके शुरुआती दिन ही यह संकेत देने लगे थे कि वे एक असाधारण अधिकारी बनेंगे।
उनकी बुद्धिमत्ता और शैक्षणिक उत्कृष्टता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की है। इतना ही नहीं, उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एम.फिल. की डिग्री भी प्राप्त की, जो सैन्य रणनीतियों और सुरक्षा मुद्दों पर उनकी गहरी पकड़ को दर्शाता है। यह अकादमिक ज्ञान उनके जमीनी अनुभवों के साथ मिलकर उन्हें एक अद्वितीय सैन्य नेता बनाता है।
Lieutenant General NS Raja Subramani superannuated today, marking the conclusion of an illustrious military career spanning thirty-nine years. On this occasion, he also relinquished the appointment of the Vice Chief of the Army Staff (VCOAS). The General Officer's distinguished… pic.twitter.com/GCbNAQdTIC
— ANI (@ANI) July 31, 2025
लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि ने अपने पूरे करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी सेना का नेतृत्व किया, जिससे भारतीय सेना को कई सफलताएँ मिलीं। उनकी रणनीतिक सोच और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें अपने साथियों और अधीनस्थों के बीच बेहद सम्मानित बनाया।
सेना में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई ऑपरेशनों और अभ्यासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका अनुभव, खासकर संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में, अमूल्य रहा है। उन्होंने सैनिकों के मनोबल को ऊँचा रखने और उन्हें हर चुनौती के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ने भारतीय सेना को आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया।
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एक नज़र लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि के सैन्य करियर पर
1985: गढ़वाल राइफल्स में कमीशन प्राप्त किया।
शैक्षणिक योग्यता: लंदन के किंग्स कॉलेज से एमए, मद्रास विश्वविद्यालय से एम.फिल.।
प्रमुख पद: वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (VCOAS) सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
योगदान: सामरिक योजना, नेतृत्व और सैनिकों के कल्याण में अहम भूमिका।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि का रिटायरमेंट भारतीय सेना के लिए एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। उनकी जगह अब कोई और अधिकारी लेगा, लेकिन उनके द्वारा स्थापित मानदंड और सेवा भावना हमेशा भारतीय सेना के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। देश हमेशा उनकी निस्वार्थ सेवा और देश भक्ति के लिए उनका ऋणी रहेगा। यह विदाई एक ऐसे नायक की है जिसने अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया।
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