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Farmer’s Protest 2025: किसान नेता दल्लेवाल ने तोड़ा आमरण अनशन, 14 फरवरी को किसानों से मुलाकात करेगी केंद्र सरकार

Farmers Protest 2025: किसान आंदोलन पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र ने किसानों को उनकी मांगों पर चर्चा के लिए 14 फरवरी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था।

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Akash Dutt
Dallewal

4 दिनों के लिए आमरण अनशन के बाद शनीवार कद करया हेल्थ चेकप Photograph: (google)

नयी दिल्ली, वाइबीएन नेटवर्क

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किसान आंदोलन को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र ने किसानों को उनकी मांगों पर चर्चा के लिए 14 फरवरी को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। आपको बता दें कि पिछले साल 26 नवंबर को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 54 दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे थे।

आंदोलन को पूरी तरह से विराम देने और अपनी मांगों पर चर्चा के लिए किसानों को 14 फरवरी को आमंत्रित किया गया है। जिसके चलते शनिवार देर रात दल्लेवाल अपना अनशन खत्म करने और मेडिकल चेकअप कराने को राजी हो गए। लिखित निमंत्रण के अनुसार केंद्र सरकार ने किसानों को 14 फरवरी को शाम पांच बजे चंडीगढ़ स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (MSP) में वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।

कृषि मंत्रालय किसानो से बात करने खनौरी बॉर्डर पहूँचा

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केंद्रीय कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्रिय रंजन ने इस फैसले की घोषणा की। उन्होंने खनौरी बॉर्डर का दौरा किया और सबसे पहले अनशनकारी किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। 

दल्लेवाल पिछले 11 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। दल्लेवाल ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाने से पहले किसान नेताओं से कहा था कि वे उनके साथ भूख हड़ताल पर बैठे 121 किसानों की सहमति लें। बता दें कि कुछ दिन पहले पंजाब से 111 किसानों का समूह और बाद में हरियाणा से 10 और किसान दल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठे थे।

अगर केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बैठक की बात करें तो पिछले साल 8, 12, 15 और 18 फरवरी को अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन हर बार केंद्र और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कोई नतीजा नहीं निकल पाया। प्रदर्शनकारी किसानों की मुख्य मांगों में सबसे पहली मांग फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी शामिल है।

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आसान भाषा में समझें तो किसान एक ऐसे कानून की मांग कर रहे हैं जो सभी फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी सुनिश्चित करे। यह कानूनी आश्वासन उनकी आय की रक्षा करेगा और कृषि बाजारों में स्थिरता प्रदान करेगा।

 

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