नयी दिल्ली, वाइबीएन नेटवर्क
Supreme Court 2002 गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले की सुनवाई 13 फरवरी को करेगा। जस्टिस जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अब इस मामले पर कोई और रोक नहीं लगाई जाएगी। 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी। साबरमती एक्सप्रेस अयोध्या से कारसेवकों को लेकर आ रही थी।
आपको बता दें, इस मामले में गुजरात सरकार के अलावा कई दोषियों ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। गुजरात सरकार ने कहा है कि वह उन 11 दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग कर रही है जिनकी सजा को घटाकर उम्रकैद कर दिया गया है।
27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 58 लोग मारे गए थे। साबरमती एक्सप्रेस अयोध्या से कारसेवकों को लेकर जा रही थी। गोधरा की इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे।
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इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 2011 में 31 लोगों को दोषी ठहराया था। इनमें से 11 को मौत की सजा और 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में 63 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था।
वर्ष 2017 में गुजरात उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा मृत्युदंड की सजा पाए 11 दोषियों की मौत की सजा को घटाकर आजीवन कारावास में बदल दिया था तथा 20 की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।
गुजरात सरकार दोषियों के लिए फांसी की मांग करेगी
दरअसल, गुजरात उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2017 के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में कई अपीलें दायर की गई हैं, जिसमें कई दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था और 11 लोगों की मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। गुजरात सरकार ने फरवरी 2023 में शीर्ष अदालत से कहा था कि वह उन 11 दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग करेगी, जिनकी सजा को उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास में बदल दिया था।