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भारत को 'ग्लोबल रीसेट' में सार्थक योगदान देने के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आमदनी के मामले में ऊपर बढ़ने और वैश्विक विकास को आगे बढ़ाने वाला एक व्यावसायिक विकल्प बनने की दिशा में निरंतर प्रयास करना होगा।
वित्तमंत्री Nirmala Sitaraman ने गुरुवार को कहा कि भारत को 'ग्लोबल रीसेट' में अहम भूमिका निभानी होगी, क्योंकि नया वर्ल्ड ऑर्डर किसी भी विकसित देश द्वारा नहीं निर्धारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विकसित देशों के पास निवेश के लिए पैसा है, लेकिन वह भी उनके लिए पर्याप्त नहीं होगा। बिजनेस और टेक्नोलॉजी नए वर्ल्ड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और भारत को इसमें भाग लेने की आवश्यकता है।
वित्तमंत्री ने आगे कहा कि टेक्नोलॉजी की प्रगति के मामले में भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। हम टेक्नोलॉजी के कई पहलुओं में अग्रणी हो सकते हैं। हमने दुनिया को साबित कर दिया है कि जहां भी टेक्नोलॉजी की तैनाती का सवाल है, हम इसे बड़े पैमाने पर करते हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि भारत उन मित्रों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ा सकता है जिनके साथ हम अपने द्विपक्षीय संबंध मजबूत करना चाहते हैं।
बिजनेस और टेक्नोलॉजी नए वर्ल्ड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि बहुपक्षीय संस्थाएं और उनका योगदान खत्म होता जा रहा है। इस कारण से अब कई देशों के लिए द्विपक्षीय एजेंडा सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि भारत को न केवल व्यापार और निवेश के लिए बल्कि रणनीतिक संबंधों के लिए भी देशों के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की जरूरत है।
वित्त मंत्री ने देश के राज्यों को आर्थिक सुधारों पर जोर देने के लिए कहा। राज्य भारत की बड़ी अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं जो हमें आगे ले जाएंगे। इस कारण सुधार सिर्फ केंद्र सरकार के लिए एजेंडा नहीं हो सकता, इसे हर राज्य सरकार को गंभीरता से लेना होगा।