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पहले शिव तांडव... अब याचना नहीं रण होगा... आखिर देश- दुनिया को क्या संदेश देना चाहती है Indian Army

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत में रोज की तरह एक वीडियो से हुई। इस वीडियो में सेना के हर कार्रवाई को दिखाया गया। वीडियो के बैंकग्राउंड में रामधारी सिंह दिनकर की कविता बज रही थी। याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा।

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Jyoti Yadav
डीजीएमओ ब्रीफिंग

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | ऑपरेशन सिंदूर' और भारत पाकिस्तान के बीच बनी मौजूदा स्थिति पर जानकारी देने के लिए DGMO ने 12 मई की दोपहर प्रेस ब्रीफिंग की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत में रोज की तरह एक वीडियो से हुई। इस वीडियो में सेना के हर कार्रवाई को दिखाया गया। वीडियो के बैंकग्राउंड में रामधारी सिंह दिनकर की कविता बज रही थी। याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा। सेना ने इस वीडियों में अपनी तैयारी और कार्रवाई को उजागर किया। लेकिन इसके बाद सवाल उठने लगें कि इन पंक्तियों से इंडियन आर्मी क्या संदेश देना चाहती हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल-जबाव का जब दौर आया तो एक पत्रकार ने यहीं सवाल किया। आखिरकार इससे क्या संदेश देना चाहती है इंडियन आर्मी। बता दें, 11 मई की प्रेस ब्रीफिंग ने सेना ने शिव तांडव के धुन पर पुलवामा से पहलगाम हमले तक लिए गए बदले की तस्वीर दिखाई थी।

भय बिनु होय ना प्रीति'

पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, "मैं आपको रामचरित मानस की कुछ पंक्तियां याद दिलाऊंगा, याद कीजिए वह पंक्ति- 'विनय न माने जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति'। समझदार के लिए इशारा काफी है।" 

हर एक लड़ाई एक अलग तरीके से होगी

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एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, "ये दूसरे तरह का वॉर था और ऐसा होना ही था। अगली जब भी लड़ाई होगी, भगवान करे लड़ाई न हो लेकिन अगर हुई तो ये पिछली की तरह नहीं होगी। हर एक लड़ाई एक अलग तरीके से लड़ी जाती है।

 Indian Army Attack | indian army 

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