Advertisment

अपनी जज की खातिर CJI BR Gavai को वकीलों से करनी पड़ी गुजारिश, जानिए क्यों

दरअसल जस्टिस बेला एम त्रिवेदी का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी दिन है। रवायत के मुताबिक कोई जज रिटायर होता है तो बार एसोसिएशन्स जज के लिए फेयरवैल पार्टी का आयोजन करती हैं लेकिन इस दफा दोनों बारों ने ऐसा समारोह आयोजित करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है।

author-image
Shailendra Gautam
एडिट
supreme court

नई दिल्ली वाईबीएन डेस्कः चीफ जस्टिस आफ इंडिया बीआर गवई अपने साथी जस्टिस एजी मसीह के साथ सुप्रीम कोर्ट की एक नंबर कोर्ट में आकर बैठे। जैसे ही उन्होंने सीनियर एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान कपिल सिब्बल और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स आन रिकार्ड की चीफ रचना श्रीवास्तव को देखा तो खुशी से झूम उठे। लेकिन उसके बाद उन्होंने जो किया वो कईयों को हैरत में डालने वाला था। चीफ जस्टिस अपनी जज की खातिर दोनों से गुहार लगा रहे थे। Judiciary | Indian Judiciary 

Advertisment

आज रिटायर हो जाएंगी जस्टिस बेला एम त्रिवेदी

दरअसल जस्टिस बेला एम त्रिवेदी का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी दिन है। रवायत के मुताबिक कोई जज रिटायर होता है तो बार एसोसिएशन्स जज के लिए फेयरवैल पार्टी का आयोजन करती हैं लेकिन इस दफा दोनों बारों ने ऐसा समारोह आयोजित करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। जस्टिस त्रिवेदी को साफगोई और तीखे पन के लिए जाना जाता है। कई मौकों पर वो वकीलों से कोर्टरूम में उलझ चुकी हैं। लिहाजा वकीलों ने फैसला किया कि उनके सम्मान में वो किसी भी तरह का फेयरवैल फंक्शन आयोजित नहीं करने जा रहे। इसे लेकर दोनों बारों ने किसी तरह का नोटिफिकेशन आज जारी नहीं किया था।

सिब्बल और रचना श्रीवास्तव से सीजेआई ने किया शिकवा

Advertisment

चीफ जस्टिस Ceremonial Bench में बैठे तो उन्होंने कपिल सिब्बल और रचना श्रीवास्तव को देखा। उनको बार के स्टैंड के बारे में पता चल गया था। लेकिन दोनों बार के प्रधानों को अपनी कोर्ट में मौजूद देखकर वो भावुक हो गए। उनका कहना था कि वो सिब्बल और रचना श्रीवास्तव के आभारी हैं कि वो दोनों यहां मौजूद हैं। लेकिन एसोसिएशन (एससीबीए) के रुख से वो आहत हैं। ऐसे मौकों पर एसोसिएशन को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था। फिर सीजेआई बोले कि वो सिब्बल और श्रीवास्तव की सराहना करते हैं कि एसोसिएशन्स के फैसले के बावजूद वो यहां मौजूद हैं। उनकी उपस्थिति ये दर्शाती है कि जस्टिस बेला एम त्रिवेदी बेहतरीन जज थीं। चीफ जस्टिस यहां तक बोले कि जज कई तरह के होते हैं। कुछ अच्छे लगते हैं तो कुछ नहीं। लेकिन ये आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। किसी जज की रिटायरमेंट  शाम को 4 बजकर 30 मिनट पर जो फंक्शन होता है वो इन बातों से परे रखा जाना चाहिए। जस्टिस मसीह ने भी दोनों बारों के उस प्रस्ताव की निंदा की जिसमें जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के विदाई में सम्मान समारोह न आयोजित करने का फैसला लिया गया है। 

जज की खातिर सिब्बल और सालिसिटर ने मिटाए गिले शिकवे


कपिल सिब्बल देश के जानेमाने वकील हैं और तुषार मेहता नरेंद्र मोदी सरकार के सबसे ज्यादा अहमियत वाले एडवोकेट। दोनों एक दूसरे को फूटी आंख भी नहीं सुहाते। सुप्रीम कोर्ट में कई दफा दोनों एक दूसरे के सामने आते रहते हैं पर हर मुठभेड़ के बाद तल्खी और ज्यादा तीखी हो जाती है। अलबत्ता आज दोनों एक दूसरे के सुर में सुर मिला रहे थे। ये बात सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ दूसरे जजों ने भी देखी और इसकी तारीफ भी की। दरअसल चीफ जस्टिस की Ceremonial Bench के सामने वो साथ खड़े होकर जस्टिस त्रिवेदी की मुक्त कंठ से सराहना कर रहे थे। हालांकि सीजेआई की अपील के बाद भी उन्होंने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया कि वो फेयरवैल फंक्शन के लिए वकीलों से मशविरा करेंगे।  

Advertisment

Chief Justice of India, CJI BR Gavai, Justice AG Masih, Supreme Court, lawyers bodies, Farewell for retiring judge

India Judiciary Indian Judiciary
Advertisment
Advertisment