विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने रविवार 11 मार्च को अपना एक्स अकाउंट लॉक कर दिया, क्योंकि कल भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित संघर्ष विराम के लिए सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया। एक्स अकाउंट को बंद करने का फैसला मिसरी ने तब उठाया जब दक्षिणपंथी एक्स अकाउंट ने उन्हें देशद्रोही कहा। फैसला सरकार का था पर ट्रोलर्स के निशाने पर वो और उनकी बेटी आ गए। इस सबके बाद भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत केंद्र सरकार के किसी भी नेता या अधिकारी ने उनका समर्थन नहीं किया है।
ओवैसी बोले- फैसले सरकार लेती है, नौकरशाह नहीं
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नौकरशाह सरकार के तहत काम करते हैं। उन्हें राजनीतिक नेतृत्व के किसी निर्णय के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। विक्रम मिसरी इमानदार मेहनती व अफसर हैं। हमारे ब्यूरोक्रेट सरकार के अधीन काम करते हैं। यह याद रखते हुए उन्हें राजनीतिक नेतृत्व की तरफ से लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
आपरेशन सिंदूर के दौरान मिसरी ने की थी मीडिया ब्रीफिंग
विदेश सचिव के रूप में मिसरी ने आपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद पाकिस्तान के साथ चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग का नेतृत्व किया था। 7 मई को भारत ने घोषणा की कि उसने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों पर मिसाइल हमलों के साथ आपरेशन सिंदूर शुरू किया है। चार दिनों के सैन्य गतिरोध के बाद शनिवार शाम को मिसरी ने संघर्ष विराम का फैसला देश के सामने रखा था। संघर्ष के दौरान मिसरी सरकार का चेहरा थे, जिसमें उनका यह बयान भी शामिल था कि सरकार की आलोचना करना लोकतंत्र की पहचान है जबकि भाजपा और उसके समर्थक इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
भाजपा समर्थकों ने सीज फायर के फैसले के लिए किया ट्रोल
भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से दावा किया था कि भारत के हमलों में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर मारा गया था। मिसरी ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। संघर्ष विराम की घोषणा के कुछ घंटों बाद दक्षिणपंथी लोगों ने मिसरी पर निशाना साधा।
मिसरी की पत्नी और बेटी को लिया गया निशाने पर
सोशल मीडिया अकाउंट्स ने उनकी पत्नी और बेटी के साथ पोस्ट की गई एक पुरानी तस्वीर ढूंढ निकाली और कई टिप्पणियां पोस्ट कीं। इन अकाउंट्स ने उन पर युद्ध विराम करके भारत को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया। इन अकाउंट्स ने मिसरी की बेटी को भी नहीं बख्शा। एक छात्रा के रूप में उनकी प्रोफाइल तलाश करके उन पर रोहिंग्या मुसलमानों को कानूनी सहायता देने का आरोप तक लगाया गया।
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