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कर्नाटक से गोवा - मुंबई - दिल्ली तक... ED ने की रेड, 1.68 करोड़ कैश और 6.75 किलो सोना बरामद | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । चुनाव में वादे तो हर नेता करता है लेकिन, जब वादे और हकीकत के बीच की खाई पर कानून का हथौड़ा चलता है तो कहानी कुछ और ही बयां करती है। कर्नाटक के कद्दावर विधायक सतीश कृष्णा सैल के घर और ठिकानों पर ईडी की छापेमारी ने एक बार फिर यही सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीति अब सिर्फ सेवा नहीं बल्कि अवैध कमाई का जरिया बन गई है? करोड़ों की बेहिसाब संपत्ति, सोना और चौंकाने वाले दस्तावेज़ों की बरामदगी ने इस मामले को न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में सुर्खियों में ला दिया है।
ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए कर्नाटक के विधायक सतीश कृष्णा सैल और उनसे जुड़ी संस्थाओं पर शिकंजा कसा है। 13 और 14 अगस्त को गोवा, मुंबई, नई दिल्ली और कर्नाटक के कारवार (उत्तरा कन्नड़) में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत की गई है, और इसका मकसद अवैध लौह अयस्क निर्यात से जुड़े एक पुराने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत जुटाना है।
बरामदगी ने उड़ाई नींद: ₹1.68 करोड़ कैश और 6.75 किलो सोना!
ईडी की टीम को छापेमारी के दौरान जो मिला, उसने हर किसी को हैरान कर दिया। ठिकानों से ₹1.68 करोड़ का कैश, 6.75 किलोग्राम सोना (ज्वेलरी और बिस्किट के रूप में) और बैंक खातों में जमा ₹14.13 करोड़ की बड़ी रकम जब्त की गई है। इसके साथ ही, कई चौंकाने वाले ईमेल, दस्तावेज़ और अन्य रिकॉर्ड भी मिले हैं, जो मनी लॉन्ड्रिंग के इस जाल को और गहरा करते हैं।
ED, Bengaluru has conducted search operations on 13th and 14th August, 2025 at multiple locations in Karwar (Uttara Kannada), Goa, Mumbai and New Delhi under PMLA in an on-going investigation into Satish Krishna Sail @ Satish Sail, MLA and others persons /entities, who were… pic.twitter.com/OMSyj5FDtJ
— ED (@dir_ed) August 15, 2025
₹1.68 करोड़: कैश की शक्ल में बरामद।
6.75 किलो: सोने के गहने और बिस्किट।
₹14.13 करोड़: बैंक खातों में फ्रीज़ किए गए।
विधायक पर पहले भी लग चुके हैं आरोप, कोर्ट ने भी माना दोषी
यह मामला कोई नया नहीं है। विधायक सतीश सैल पर अवैध लौह अयस्क के निर्यात के आरोप पहले भी लग चुके हैं। उन्हें और उनके कुछ साथियों को सांसदों और विधायकों के लिए बनी विशेष अदालत ने दोषी भी ठहराया था। अब ईडी इसी पुराने मामले की तह तक जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस अवैध कारोबार से अर्जित धन को किस तरह से छुपाया और वैध बनाने की कोशिश की गई।
इस तरह की कार्रवाई से यह सवाल फिर से उठता है कि क्या राजनीति में नैतिकता का स्तर गिरता जा रहा है? जिस अवैध लौह अयस्क के कारोबार ने प्राकृतिक संसाधनों को भारी नुकसान पहुंचाया, उसी से कमाया गया धन क्या अब नेताओं की तिजोरियों में भर रहा है? यह सिर्फ सतीश सैल का मामला नहीं है, बल्कि देश में कई ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां राजनीति और अवैध कारोबार का गहरा गठजोड़ उजागर हुआ है।
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