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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: पीएम मोदीने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि देश के वे इलाके, जिन्हें कभी नक्सलवाद के ‘रेड कॉरिडोर’ के रूप में जाना जाता था, आज विकास के ‘ग्रीन कॉरिडोर’ में तब्दील हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत के नक्शे पर लाल रंग से चिन्हित, लहूलुहान किए गए इन क्षेत्रों में अब संविधान, कानून और विकास का तिरंगा फहराया जा रहा है।
नक्सलवाद की घटनाएं अब केवल 20 जिलों तक सीमित
पीएम ने कहा कि देश के विशाल जनजातीय क्षेत्रों को नक्सलवाद और माओवाद की गंभीर समस्या ने कई दशकों तक घायल किया था। सबसे अधिक चोट आदिवासी परिवारों को पहुंची, जहां माताओं और बहनों ने अपने होनहार बेटों और बेटियों को खोया। नौजवानों को गलत रास्ते पर धकेल दिया गया और उनके जीवन तबाह कर दिए गए। पीएम मोदी ने कहा कि हमने फौलादी संकल्प के साथ इस समस्या का सामना किया। एक समय था जब नक्सलवाद सवा सौ से अधिक जिलों में फैला हुआ था। आज हम इसे घटाकर मात्र 20 जिलों तक सीमित कर चुके हैं।” उन्होंने बताया कि माओवाद के चंगुल में फंसे जनजातीय क्षेत्र और युवा अब मुक्त हो रहे हैं और विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
अब बस्तर के युवा मैदान में दिखा रहे हैं दम
पीएम ने बस्तर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले बस्तर को सुनते ही माओवाद और नक्सलवाद की बम-बंदूक की आवाजें सुनाई देती थीं, लेकिन अब वहीं के युवा ओलंपिक में हिस्सा लेकर और भारत माता की जय का नारा लगाकर खेल के मैदानों में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं। यह बदलाव पूरे देश के सामने है। उन्होंने दोहराया कि जहां कभी भारत के नक्शे पर लाल रंग से चिन्हित क्षेत्रों में अशांति थी, आज वहां संविधान और विकास का तिरंगा लहराता है। मोदी ने कहा कि नक्सलवाद मुक्त कराए गए इन जनजातीय क्षेत्रों में युवाओं की जिंदगी बचाकर, भारत ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री का यह संबोधन विकास, सुरक्षा और संवैधानिक अधिकारों के महत्व को दर्शाता है, और यह बताता है कि भारत देश के सबसे कठिन क्षेत्रों को भी विकास के रास्ते पर ले आने में सक्षम है।
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