नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। कश्मीर के
पहलगाम में हुए
आतंकी हमले ने पूरे देश को गम और गुस्से में डुबो दिया है। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई। लोगों में सबसे ज्यादा आक्रोश इस बात को लेकर है कि आतंकियों ने पहले सैलानियों के धर्म की पहचान की और फिर गोलियों से छलनी कर दिया, हालांकि बीच आए एक स्थानीय मुस्लिम को भी उन्होंंने नहीं बख्शा। इस हमले में पाकिस्तान के शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं, हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारी किसी भी पाकिस्तानी कनेक्शन से इंकार कर रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि हमले से महज छह दिन पहले, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर और 1947 के बंटवारे पर भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने हिंदुओं को लेकर भी विवादास्पद टिप्पणी की थी। हमले के बाद उनके भाषण की भी खूब चर्चा हो रही है।
जनरल जी.डी. बक्शी का तीखा रुख
भारतीय सेना के पूर्व Major General GD Bakshi ने हमले को लेकर गहरा आक्रोश जताया है। उन्होंने
पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि चीन और बांग्लादेश से भी सतर्क रहने की चेतावनी दी है। जनरल बक्शी ने कहा, "यह जंग की आहट है। सेना को तैयार किया जाए, जवानों को खुली छूट दी जाए और आतंकियों का सिर कलम किया जाए।" उन्होंने भारतीय वायुसेना से भी अपील की कि अपने जगुआर, राफेल और फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट्स को सक्रिय किया जाए, और आवश्यकता पड़ने पर 300 नहीं बल्कि 1300 विमानों की तैनाती हो।
चीन और बांग्लादेश पर भी नजर रखने की सलाह
जनरल बक्शी ने चीन और बांग्लादेश की गतिविधियों पर भी चिंता जताई है। उन्होंने गलवन घाटी में चीन की बढ़ती हलचल और पश्चिम बंगाल के चिकेन नेक क्षेत्र के पास बांग्लादेशी सीमा पर आईएसआई और पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी को लेकर आगाह किया।उन्होंने कहा कि शेख हसीना सरकार के कमजोर पड़ने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में खटास आई है और इन हालातों में भारत को सतर्क रहना चाहिए। एलएसी पर पहले से तनावपूर्ण माहौल है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
"सोची-समझी साजिश है" : जनरल बक्शी
जनरल बक्शी ने इस हमले को भारत को उकसाने और अपमानित करने की एक सुनियोजित साजिश बताया। उन्होंने कहा, "ये कसाई मासूम बच्चों, महिलाओं और पर्यटकों पर हमला कर पीएम को चुनौती दे रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। पाकिस्तान यह न समझे कि वह इस घटना से बच निकलेगा।"उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी पाकिस्तानी को इन मासूम लोगों की मौत का जरा भी दुख है।
हमले से ठीक छह दिन पहले ये बोले थे पाक सेना प्रमुख
16 अप्रैल को पाक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर मुद्दे पर भाषण देते हुए कहा था, "कश्मीर हमारी गर्दन की नस है, था और रहेगा। हम अपने कश्मीरी भाइयों का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे।"अपने भाषण में मुनीर ने विदेश में बसे पाकिस्तानियों से अपनी 'श्रेष्ठ संस्कृति' और 'अलग पहचान' को याद रखने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के निर्माण के पीछे यह सोच थी कि पाकिस्तान और भारत (विशेषकर हिंदू धर्म) में धर्म, परंपरा, विचारधारा और महत्वाकांक्षाओं का गहरा फर्क है, और इसी वजह से टू-नेशन थ्योरी के आधार पर 1947 का बंटवारा हुआ।
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