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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना के LCA तेजस का क्रैश होना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि हाई-रिस्क एयरोबेटिक्स का एक खतरनाक संकेत है। क्या यह विमान की खराबी थी या खतरनाक युद्धाभ्यास? दुनियाभर में F-16 F-35 से लेकर चीनी F-7 तक कई अत्याधुनिक जेट क्रैश हुए हैं। आइए जानते हैं कि इन शक्तिशाली लड़ाकू विमानों के क्रैश होने के पीछे की 5 सबसे बड़ी और अनदेखी वजहें क्या होती हैं।
दुबई में चल रहे एयर शो के दौरान, जब भारतीय वायुसेना का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान LCA तेजस अचानक आसमान से ज़मीन पर आ गिरा, तो हर भारतीय का दिल बैठ गया। दुखद है कि इस दुर्घटना में अनुभवी पायलट शहीद हो गए। यह घटना बेहद दर्दनाक है, लेकिन क्या हमें इस एक हादसे के आधार पर तेजस की काबिलियत पर सवाल उठाना चाहिए? शायद नहीं।
सैन्य उड्डयन विशेषज्ञ मानते हैं कि हवाई प्रदर्शनों या एयर शो के दौरान दुर्घटनाएं होना असामान्य नहीं है। यह जेट फाइटर्स के प्रदर्शन या डिज़ाइन से ज़्यादा, अत्यधिक जोखिमपूर्ण युद्धाभ्यास High-Risk Maneuvers का परिणाम होता है। एयर शो में पायलट विमान की सीमाओं को परखते हुए कम-ऊंचाई Low-Altitude पर जटिल स्टंट दिखाते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
तेजस क्रैश की संभावित 'नेगेटिव-जी' वजह दुर्घटना के वीडियो
विज़ुअल विश्लेषण से पता चलता है कि दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले, तेजस एक लूप युद्धाभ्यास Loop Maneuver पूरा करने के बाद संतुलन हासिल करने की कोशिश कर रहा था। विमानन विशेषज्ञों का शुरुआती आकलन है कि इस दौरान विमान नेगेटिव जी टर्न Negative G Turn ले रहा था।
नेगेटिव 'G' क्या है? 'G' फ़ोर्स गुरुत्वाकर्षण की शक्ति को दर्शाता है। एक साधारण मोड़ 'पॉजिटिव G' होता है, जो पायलट को सीट में दबाता है। 'नेगेटिव G' वह है जब विमान नीचे की ओर अचानक झुकता है, जिससे पायलट का शरीर सीट से ऊपर उठने लगता है। यह एक उच्च-जोखिम वाला, जटिल युद्धाभ्यास है जिसके लिए पायलट और विमान दोनों को अत्यधिक सटीकता की ज़रूरत होती है।
संतुलन ज़रा भी बिगड़ा तो, विमान को संभालना मुश्किल हो जाता है। अब यह जांच का विषय है कि क्रैश होने की वास्तविक वजह क्या थी। स्वदेशी ही नहीं, दुनिया के टॉप फाइटर जेट्स भी गिरे हैं यह मानना ग़लत है कि केवल भारतीय या पुराने विमान ही दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। पिछले 15 सालों के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान भी एयर शो और प्रशिक्षण उड़ानों के दौरान क्रैश हुए हैं।
यह सिर्फ़ एक या दो देशों की कहानी नहीं, बल्कि वैश्विक सैन्य उड्डयन का जोखिम है।
साल 2010 के बाद से, F/A-18 F-16 और यूरोफाइटर टाइफून जैसे मुख्य लड़ाकू विमान भी प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं। इससे सिद्ध होता है कि यह घटनाएं तेजस की योग्यता पर नहीं, बल्कि एयरोबेटिक्स के अंतर्निहित ख़तरे को दर्शाती हैं।
फाइटर जेट्स के क्रैश होने की 5 सबसे बड़ी और तकनीकी वजहें
कोई भी दुर्घटना सिर्फ एक वजह से नहीं होती अक्सर यह कई छोटी-छोटी विसंगतियों का एक साथ परिणाम होती है। लड़ाकू विमानों की क्रैश रिपोर्टों का विश्लेषण करने पर, विशेषज्ञ इसकी 5 प्रमुख वजहें बताते हैं सिस्टम की विफलता Technical Failure हाइड्रोलिक सिस्टम फेलियर यह सबसे आम और ख़तरनाक विफलता है। हाइड्रोलिक सिस्टम विमान के नियंत्रण सतहों पंखों, पूंछ को संचालित करता है। इसके फ़ेल होते ही पायलट का नियंत्रण पूरी तरह ख़त्म हो जाता है।
इंजन या ईंधन प्रणाली में खराबी: जेट इंजन की अचानक विफलता या ईंधन प्रणाली में रुकावट विमान को बिना शक्ति के छोड़ देती है, खासकर टेक-ऑफ या लैंडिंग के दौरान।
नेविगेशन/ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी: ये सिस्टम जटिल युद्धाभ्यासों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें छोटी-सी गड़बड़ी भी पायलट को भ्रमित कर सकती है।
पायलट एरर और अत्यधिक जोखिम Pilot Error: प्रशिक्षण या प्रदर्शन के दौरान, पायलट अक्सर कम ऊंचाई पर Low Altitude तेज़ रफ़्तार के साथ जोखिम भरे मोड़ या स्टंट करते हैं।
ज़मीन से टकराने का डर होने के बावजूद, वह सीमा से आगे जाने की कोशिश करते हैं। कम ऊंचाई पर, प्रतिक्रिया करने का समय Reaction Time लगभग शून्य होता है।
युद्ध या शत्रुतापूर्ण हमले Combat Scenarios: युद्ध क्षेत्रों में, दुश्मन की मिसाइलों, या एंटी-एयरक्राफ्ट गन के हमले से भी फाइटर जेट गिर सकते हैं। कई F-16 जेट इसी वजह से युद्ध क्षेत्र में क्रैश हुए हैं।
खराब मौसम और पक्षी का टकराना: खराब मौसम अचानक तेज़ हवा, घनी बारिश या धुंध से दृश्यता कम हो जाती है, जिससे पायलट का नियंत्रण बिगड़ सकता है।
बर्ड स्ट्राइक: तेज गति से उड़ान भरते समय किसी पक्षी का इंजन या कॉकपिट से टकराना एक घातक घटना हो सकती है, जिससे विमान को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
विमान की अस्थिरता: तेजस जैसे आधुनिक फाइटर जेट्स को जानबूझकर अस्थिर Naturally Unstable डिज़ाइन किया जाता है ताकि वे अधिक फुर्तीले Agile और युद्धाभ्यास में तेज़ हों।
हालांकि, इस अस्थिरता को बनाए रखने के लिए एक अत्यधिक सक्षम फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम Flight Computer की ज़रूरत होती है। इस कंप्यूटर में ज़रा-सी भी गड़बड़ी पूरे विमान को नियंत्रण से बाहर कर सकती है।
भारत का भविष्य क्यों सुरक्षित माना जा रहा है LCA तेजस?
इस दुर्घटना के बावजूद, LCA तेजस को भारतीय वायुसेना में सबसे सुरक्षित लड़ाकू विमानों में से एक माना जा रहा है। रूस निर्मित पुराने मिग-21 के सेवानिवृत्त होने के बाद, तेजस भारत का भविष्य है। भारतीय वायुसेना के पास इस छोटे लड़ाकू विमान का सबसे अच्छा सुरक्षा रिकॉर्ड है। यह न सिर्फ़ स्वदेशी होने का गौरव रखता है, बल्कि अपनी उन्नत एयरोडायनेमिक्स और फ्लाई-बाय-वायर टेक्नोलॉजी के कारण भी सुरक्षित माना जाता है।
हर दुर्घटना एक दुखद सबक होती है। जांच यह स्पष्ट करेगी कि दुबई में क्या गलत हुआ। लेकिन इन जटिल मशीनों के क्रैश होने की वजहें वैश्विक हैं, जो केवल पायलट, विमान या मौसम तक सीमित नहीं हैं।
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