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Goa Temple Stampede: जानिए श्री लैराई यात्रा में कैसे जलते अंगारों पर चलते हैं भक्त

गोवा के प्रसिद्ध श्री लैराई देवी मंदिर शिरगाओ में धोंडाची यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से सात श्रद्धालुओं की मौत, 50 से अधिक घायल। जानिए यात्रा का महत्व।

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Dhiraj Dhillon
गोवा भगदड़ श्री लैराई यात्रा के दौरान हुआ हादसा, जानिए कैसे जलते अंगारों पर चलते हैं भक्त
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गोवा, वाईबीएन नेटवर्क।श्री लैराईयात्रा एक पारंपरिक धार्मिक परंपरा है जिसमें भक्त नंगे पैर जलते हुए अंगारों पर चलते हैं। यह लैराई देवी को समर्पित एक भक्ति रस्म है। देवी लैराई को देवी पार्वती का रूप माना जाता है और यह उत्सव गोवा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। श्री लैराई यात्रा में हुई  Goa Stampede के दौरान मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब तक सात हो गई है। घायलों की संख्या कम से कम 50 बताई जा रही है। प्रसिद्ध श्री लैराई देवी मंदिर, शिरगाओ में यात्रा के दौरान भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह हादसा गोवा के सबसे भीड़-भाड़ वाले त्योहारों में से एक, श्री लैराई यात्रा के दौरान हुआ।

क्या है श्री लैराई देवी का जतरा- यात्रा?

श्री लैराई देवी जतरा के नाम से जानी जाने वाली यह यात्रा गोवा के शिरगाओ गांव में आयोजित होने वाला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। इस उत्सव का मुख्य आकर्षण है (धोंडाची जतरा), जिसमें हजारों श्रद्धालु नंगे पैर जलते अंगारों पर चलकर अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। यह परंपरा देवी लैराई को समर्पित होती है, जिन्हें देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। यह जतरा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि गोवा की समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक भी है। आयोजन के दौरान शिरगाओ का मंदिर क्षेत्र मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़ों की थाप, धार्मिक प्रसाद वितरण और अग्नि पर चलने की रस्म से जीवंत हो उठता है।

हर साल 50,000 से ज्यादा श्रद्धालु होते हैं शामिल

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श्री लैराई यात्रा में हर साल 50,000 से अधिक श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। मंदिर में ढोल-नगाड़ों, मंत्रों और प्रसाद के साथ, यह यात्रा एक भव्य धार्मिक अनुभव होती है। शनिवार की सुबह गोवा के उत्तरी जिले शिरगांव में शनिवार सुबह श्री लैराई देवी की पारंपरिक जात्रा के दौरान भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। यह धार्मिक हादसा गोवा के प्रमुख वार्षिक त्योहारों में से एक के दौरान हुआ।

घटना स्थल पर ऐसे बना भगदड़ का माहौल

पुलिस के अनुसार शनिवार की सुबह जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए जमा हुए तो अचानक भीड़ में भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई लोग गिर पड़े और कुचले गए। हादसे के पीछे का असली कारण जांच के बाद सामने आएगा। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तुरंत घटनास्थल और उत्तरी गोवा जिला अस्पताल का दौरा कर घायलों का हाल जाना और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि घायलों में से आठ की हालत गंभीर है। दो घायलों को गोवा मेडिकल कॉलेज, बम्बोलिम रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने 108 एंबुलेंस सेवा के जरिए तत्काल सहायता पहुंचाई और अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर सहित सभी आवश्यक सुविधाएं तैयार की गई हैं। गोवा कांग्रेस ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

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