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GovardhanPuja Photograph: (ians)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला की स्मृति में मनाया जाता है। लोग घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर पूजन करते हैं और उनके आशीर्वाद से सुख, समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हैं। गोवर्धन पूजा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह पर्यावरण और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व भी है। इस दिन दान और पुण्य कार्य करने की परंपरा है।
पूजा का शुभ मुहूर्त: इस साल 22 अक्टूबर को दोपहर 3:13 बजे से शाम 5:49 बजे तक गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त है। स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग का संयोग पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
जानें गोवर्धन पूजा विधि
2. उस पर रोली और चावल अर्पित करें।
3. दीपक जलाकर वातावरण को पवित्र बनाएं।
4. खीर, पूरी, बताशे, जल, दूध और केसर चढ़ाएं।
5. परिवार के सभी सदस्य गोवर्धन की परिक्रमा करें।
6. पूजा के अंत में आरती करें और भूल क्षमा माँगे।
प्रमुख मंत्र और आरती
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।हरे कृष्ण हरे कृष्णकृष्ण कृष्ण हरे हरेहरे राम हरे रामराम राम हरे हरे॥ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम्।श्री गोवर्धन महाराज की आरती कर भक्त जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करते हैं। Govardhan Leela | Govardhan Puja 2025