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Operation Sindoor पर 16 घंटे बहस को सरकार तैयार, विपक्ष बोला-"बिना PM Modi के नहीं"

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान भाजपा ने इसे सेना की वीरता का विजय उत्सव बताया, जबकि सपा सांसद अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाते हुए सुरक्षा खामियों और इंटेलिजेंस फेलियर पर जवाब मांगा।

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Jyoti Yadav
akhilesh az
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार,22 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे चर्चा का प्रस्ताव आया, जिसको सत्ता पक्ष ने स्वीकार भी किया। हालांकि सत्र के पहले दिन ही विपक्ष के जोरदार हंगामे के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को तैयार हैं। लेकिन इस मुद्दें पर अभी भी विपक्ष और सत्ता पक्ष  के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है।

सभी प्रश्नों का जवाब देगी सरकार 

भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सरकार विपक्ष के सभी प्रश्नों का जवाब देना चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा है कि यह सदन चर्चा के लिए है। ऑपरेशन सिंदूर हमारे देश की सेना की वीरता का प्रतीक है, जिसे पूरे विश्व ने सराहा है। इसलिए यह चर्चा एक ‘विजय उत्सव’ के रूप में होनी चाहिए।” उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि सदन को शांतिपूर्वक और सकारात्मक तरीके से चलने दिया जाए। ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की चर्चा पर कहा, "सरकार विपक्ष के सभी प्रश्नों का जवाब देना चाहती है। 16 घंटे लोकसभा में और 9 घंटे राज्यसभा में दिया जाएगा। 

बिना प्रधानमंत्री के किससे बात करें? 

वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चर्चा तभी सार्थक होगी जब प्रधानमंत्री स्वयं सदन में मौजूद होंगे। उन्होंने कहा, “हम भी चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन बिना प्रधानमंत्री के किससे बात करें? किससे सवाल करें? आखिर चूक कहां हुई? इंटेलिजेंस फेलियर था क्या? ये कोई पहली बार नहीं हुआ है, पुलवामा हुआ, फिर पहलगाम में हुआ। इन सवालों के जवाब कौन देगा?”

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