बिलासपुर में एक्टिव हवाई अड्डे की याचिका 2017 से है लंबित
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद के वर्मा की बेंच बिलासपुर में एक्टिव हवाई अड्डे की स्थापना की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। यह मामला 2017 से लंबित था।
सरकारी वकील के अजीबोगरीब तर्क से झल्लाए चीफ जस्टिस
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार के रुख पर असंतोष व्यक्त किया। बेंच ने एक और feasibility report की बात कही, जिसमें सुझाव दिया गया कि राज्य को या तो परियोजना के साथ आगे बढ़ना चाहिए या जनहित याचिका का निपटारा करने की अनुमति देनी चाहिए। सरकारी वकील जिस तरह के तर्क दे रहे थे उससे बेंच संतुष्ट नहीं थी। बेंच ने कई बार वकील को कहा कि वो तार्किक पक्ष रखें। इधर उधर की बात न करें। अपनी बातों का असर न होते देख चीफ जस्टिस झल्ला गए।
उनको यह कहते हुए सुना गया कि अगर इच्छा है, तो कोई रास्ता भी है। अगर आप इसे एक दुष्चक्र बनाना चाहते हैं, तो दूर हो जाओ। बार बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक इस गुस्से में इस वाक्य के आखिर में उनके मुंह से गाली निकल गई।
कार्यवाही की रिकॉर्डिंग हाई कोर्ट के यूट्यूब चैनल से हटाई गई
बार बेंच की रिपोर्ट कहती है कि चीफ जस्टिस की अदालत से दिन की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग शुरू में हाई कोर्ट के यूट्यूब चैनल से हटा दी गई थी। बाद में इसे बिना किसी टिप्पणी के अपलोड कर दिया गया। बार एंड बेंच ने फोन के जरिए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बार-बार प्रयास के बावजूद कॉल नहीं लग पाई।
Chhattisgarh, Chief Justice, Public Interest Litigation