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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः अशोका यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीखी फटकार लगाई है। ये वाकया तब हुआ जब केंद्र की तरफ से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल ने कहा कि SIT की जांच चल रही है। उन्हें लगता है कि महमूदाबाद को बुलाने की जरूरत पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको महमूदाबाद की नहीं डिक्शनरी की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट बोला- महमूदाबाद की मिली राहतें जारी रहेंगी
जस्टिस सूर्यकांत और जायमाला बागची की बेंच ने सरकार को साफ लहजे में बता दिया कि हमने महमूदाबाद को जो राहत दे रखी है वो जारी रहेगी। आप उनको पूछताछ के लिए नहीं बुला सकते। हमने उनसे कहा है कि विवादित विषयों के अलावा वो बाकी चीजों पर राइटंग कर सकते हैं। आपको इससे क्या दिक्कत है। आप दो एफआईआर की जांच पर ध्यान दीजिए। बेंच ने कहा कि SIT बेवजह अपनी जांच के दायरे को बढ़ाने की फिराक में है। हमें नहीं लगता कि इसकी कोई जरूरत है। ये बात आपको पहले भी कही गई थी और हम अब भी कह रहे हैं कि आप जांच उन चीजों पर केंद्रित करिए जिनको लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थीं।
SIT को सख्त हिदायत, दोनों केसों तक जांच को करें सीमित
जस्टिसेज ने कहा कि कल को SIT कहने लगेगी कि जो केस दर्ज किए गए हैं उनमें कुछ भी नहीं है। हम कुछ और मुद्दों पर जांच करना चाहते हैं। इसके लिए दो महीनों की जरूरत क्यों है। जांच के बाद ये केस बंद भी किया जा सकता है। महमूदाबाद के खिलाफ आपरेशन सिंदूर के दौरान की गई एक फेसबुक पोस्ट को लेकर केस दर्ज किए गए थे। जो पोस्ट की गईं उनकी व्याख्या ही इस जांच का सबसे बड़ा पहलू है। कोर्ट का कहना था कि महमूदाबाद पुलिस की जांच में पहले शामिल हो चुके हैं। उनके पास जो डिवाइसेज हैं उनकी भी जांच हो चुकी है।
अदालत बोली- चार हफ्तों के भीतर पूरी कर लें इन्क्वायरी
अदालत ने SIT से कहा कि वो फेसबुक पोस्ट की भाषा और उसके संदेश तक ही अपनी जांच को सीमित करे। जांच चार हफ्तों के भीतर पूरी कर ली जाए। आप केवल ये देखिए कि इन पोस्ट में क्या था। अदालत ने कहा कि SIT का गठन इन पोस्टों की जांच के लिए किया गया था। आप बेवजह अपना दायरा बढ़ाकर हमारा समय मत बर्बाद करें। महमूदाबाद के खिलाफ जो दो केस दर्ज किए गए उनमें से एक के शिकायतकर्ता योगेश जठेड़ी हैं जबकि दूसरी शिकायत हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया की तरफ से दर्ज कराई गई थी।
Supreme Court, Ashoka University Professor, Ali Khan Mahmoodabad, ASG SV Raju