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हरियाणा पुलिस अधिकारी आत्महत्या मामला से उठे सवाल, 'वसीयत' और 'अंतिम नोट' बरामद

कहा जा रहा है कि वे अपनी पदोन्नति पर सवाल उठाने पूर्व डीजीपी पर उत्पीड़न का आरोप लगाने और सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाने जैसे विवादों के कारण सुर्खियों में रहे थे। 

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Mukesh Pandit
IPS Puran Suicide

चंडीगढ़, वाईबीएन डेस्क ।हरियाणा में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले को लेकर सवालों के दायरे बड़े हो रहे हैं। पुलिस ने उनकी वसीयत और अंतिम सुसाइड नोट भी बरामद कर लिया है। कहा जा रहा है कि वे अपनी पदोन्नति पर सवाल उठाने पूर्व डीजीपी पर उत्पीड़न का आरोप लगाने और सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाने जैसे विवादों के कारण सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने एक अधिकारी एक आवास की नीति लागू करने की अपील की थी। बुधवार को पत्नी के जापान से लौटने पर पोस्टमर्टम होगा।

सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर की थी आत्महत्या

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। इस घटना में अधिकारी की मौत हो गई। मृतक अधिकारी के आवास से एक 'वसीयत' और एक 'अंतिम नोट' बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि पूरन कुमार ने कथित तौर पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। उनकी बेटी को उनका शव बेसमेंट में मिला। हालांकि, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। उनकी मौत से पुलिस और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। कथित तौर पर यह घटना दिन में हुई। चंडीगढ़ पुलिस की टीम और फॉरेंसिक एक्सपर्ट जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।

सुनारिया जेल में किया गया था स्थानांतरित

एसएसपी कंवरदीप कौर ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से मृतक के मोबाइल और अन्य दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया। मृतक की पत्नी अमनीत विदेश सहयोग विभाग में आयुक्त एवं सचिव के पद पर तैनात हैं और उनके बुधवार को भारत पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारी ने सोमवार को एक बंदूकधारी से बंदूक ले ली थी। पिछले महीने, उन्हें रोहतक की सुनारिया जेल के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था। इस जेल में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम साध्वियों के यौन शोषण के मामले में सजा काट रहा है।

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आत्महत्या मामले से सुलगते सवाल

पूर्व डीजीपी पर उत्पीड़न का आरोप लगाने और सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाने जैसे विवादों के कारण सुर्खियों में रहे थे। इससे पहले, कुमार ने 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के कुछ आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति पर सवाल उठाए थे। इंजीनियरिंग स्नातक अधिकारी का जन्म 19 मई 1973 को हुआ था और वे 31 मई, 2033 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। पदोन्नति पर सवाल उठाते हुए हरियाणा सरकार को वाई पूरन कुमार ने चिट्ठी लिखी थी। आरोप लगाया था कि वित्त विभाग ने गृह विभाग के नियमों को अनदेखा करते हुए यह पदोन्नतियां कराईं। इस संबंध में उन्होंने 11 अक्टूबर 2022 को गृह विभाग के तत्कालीन सचिव राजीव अरोड़ा को भी अवगत कराया था। 

पूर्व डीजीपी ने किया था जबाव-तलब

उन्होंने अपनी प्रमोशन और सैलरी फिर से तय होने की बात भी कही थी। वाई पूरन कुमार ने अंबाला के एसपी को शिकायत देकर पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी। शिकायत के मुताबिक वे तीन अगस्त 2020 को सार्वजनिक अवकाश के दिन शहजादपुर थाने में बने मंदिर में गए थे। इसके बाद 17 अगस्त 2020 को तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव ने पत्र लिखकर जवाब तलब कर लिया कि क्या थाने में मंदिर स्थापित करने से पहले हरियाणा सरकार से अनुमति ली गई थी। इसके बाद पूरन कुमार अनुसूचित जाति आयोग के पास भी अपनी शिकायत लेकर गये थे, जिस पर आयोग ने सरकार से जवाब तलब किया था।

सरकारी वाहन भी लेने से कर दिया था इनकार

वाई पूरन कुमार ने एक बार सरकारी वाहन लेने से इंकार कर दिया था। उनका तर्क था कि उन्हें पुरानी होंडा सिटी कार दी जा रही है, जबकि विभाग में कई अधिकारियों के पास नई इनोवा क्रिस्टा कारें थीं। इस दौरान उन्होंने सरकारी वाहन ही वापस कर दिया था। वाई पूरन कुमार ने उन आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत की थी जो कि एक से ज्यादा सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए हुए थे। इस दौरान उन्होंने एक अधिकारी एक आवास की नीति लागू करने की अपील की थी। इसके बाद संबंधित अधिकारियों से एक सरकारी मकान खाली कराते हुए जुर्माना राशि वसूली गई थी। ips | CM of haryana | Haryana news in hindi Haryana police officer suicide

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