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हेनले पासपोर्ट इंडेक्स : अमेरिकी पासपोर्ट टॉप 10 से बाहर, भारत पांच पायदान नीचे खिसका

पहली बार अमेरिका का पासपोर्ट दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की शीर्ष 10 देशों की सूची से बाहर हो गया है। यूएस पासपोर्ट लगातार कमजोर होता दिख रहा है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की ओर से जारी सूची में एशिया शीर्ष पर अपना दबदबा बनाए है। 

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Mukesh Pandit
passport Indux

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। खुद को दुनिया का बेताज बादशाह कहलाने वाला अमेरिका इस मामले में पिछड़ गया है। पहली बार अमेरिका का पासपोर्ट दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की शीर्ष 10 देशों की सूची से बाहर हो गया है। यूएस पासपोर्ट लगातार कमजोर होता दिख रहा है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की ओर से जारी सूची में एशिया शीर्ष पर अपना दबदबा बनाए है। हालांकि  भारत का पासपोर्ट भी पिछले सूचकांक के मुकाबले पिछड़ गया है। सिंगापुर दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बना हुआ है। उसके नागरिक 227 में से 195 देशों तक वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं।

20 साल में अमेरिका पहली बार शीर्ष 10 की लिस्ट से बाहर

अमेरिका अपने 20 साल के इतिहास में पहली बार सूचकांक की शीर्ष 10 सूची से पूरी तरह बाहर है। अमेरिका नवीनतम तिमाही रैंकिंग में मलेशिया के साथ संयुक्त रूप से 12वें स्थान पर है। लंदन स्थित वैश्विक नागरिकता और निवास सलाहकार फर्म हेनली एंड पार्टनर्स द्वारा तैयार किए गए सूचकांक से पता चला कि अमेरिका और मलेशिया के नागरिकों को 180 में वीजा-मुक्त पहुंच प्राप्त है।  सूचकांक में समान रैंकिंग और अंकों के कारण 36 देश अमेरिका से आगे हैं। 2014 में पहले स्थान पर था।

अमेरिका के पासपोर्ट की ताकत घटी

अमेरिका CNN के मुताबिक, अमेरिका के पासपोर्ट की ताकत लगातार घट रही है। वर्ष 2014 में अमेरिका सूचकांक में पहले स्थान पर था और इस साल जुलाई में भी वह शीर्ष 10 में था। इसके पीछे बड़ा कारण ब्राजील द्वारा अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त पहुंच वापस लेना है। इसके अलावा चीन ज्यादा अनुकूल नीतियां लागू कर जर्मनी और फ्रांस सहित कई यूरोपीय देशों के लिए वीजा छूट दे रहा है, लेकिन अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। 

भारत का क्या है स्थान?

सूचकांक में भारत का पासपोर्ट 85वें स्थान पर चला गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5 स्थान नीचे खिसक गय है। इससे पहले जुलाई में भारत की रैंकिंग 85 से बढ़कर 77 हो गई थी, जो मजबूती का सूचक था। भारत की पासपोर्ट रैंकिंग वैश्विक यात्रा नीतियों और भारत राजनयिक संबंधों में बदलावों को दिखाता है। सूचकांक 2024 में भारत 80वें स्थान पर था। 2021 में रैंकिंग 90वें स्थान पर थी। 2006 में भारत अपने सर्वोच्च 71वें स्थान पर था। 

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चीन का पासपोर्ट तेजी पर

सूचकांक में ब्रिटेन का पासपोर्ट, जो 2015 में शीर्ष स्थान पर था, जुलाई से गिरकर अपने सबसे निचले 6वें से 8वें स्थान पर आ गया है। इस बीच चीन ने रैंकिंग में सुधार किया है, 2015 में 94वें स्थान से 2025 में सीधे 64वें स्थान पर पहुंच गया है। उसे 37 और देशों तक वीजा छूट मिली है।
चीन ने रूस को वीजा छूट देकर और खाड़ी देशों, दक्षिण अमेरिका, यूरोपीय देशों के साथ समझौते कर अपनी रणनीति सुधारी है। 

कौन है सबसे नीचे?

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इस सूचकांक में 34वें स्थान ऊपर उठकर 42वें स्थान से 8वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उसकी सबसे बड़ी सफलता है। सूची में अफगानिस्तान 106वें स्थान पर सबसे नीचे, सीरिया 105वें और इराक 104वें स्थान पर हैं।


टॉप 10 शक्तिशाली पासपोर्ट

1- सिंगापुर (193 देशों में वीजा छूट)
2- दक्षिण कोरिया (190)
3- जापान (189)
3- जर्मनी, इटली, लक्जमबर्ग, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड (188)
4- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड (187)
5- ग्रीस, हंगरी, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्वीडन (186)
6- ऑस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, माल्टा, पोलैंड (185)
7- क्रोएशिया, एस्टोनिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, UK, यूनाइटेड किंगडम (184)
8- कनाडा (183)
9- लातविया, लिकटेंस्टीन (182)
10- आइसलैंड, लिथुआनिया (181)
12- अमेरिका, मलेशिया (180 देशों में वीजा छूट)

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