नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मुगलकालीन जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई कराने का निर्देश दिया गया था। वकील ने कहा कि रंगाई-पुताई कराने का निर्देश दिया जाना गलत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल में स्थित जामा मस्जिद (sambhal masjid) की पुताई का काम एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश 12 मार्च को दिया था। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना एवं न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा, ‘‘हम मौजूदा याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। इसे खारिज किया जाता है।’’
हाई कोर्ट ने दिया था मस्जिद की रंगाई-पुताई का आदेश
याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल की ओर से पेश हुए वकील बरुण सिन्हा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि ASI को मस्जिद की दीवार की रंगाई-पुताई कराने का निर्देश दिया जाना गलत है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रोहित रंजन अग्रवाल ने एएसआई को मस्जिद की बाहरी दीवारों की पुताई कराने और वहां लाइट लगाने का निर्देश दिया था। जिस पर इससे पहले, मुगलकालीन मस्जिद का अदालत के आदेश पर पिछले साल सर्वेक्षण किया गया था और इसके कारण संभल में हिंसा भड़क गई थी।
संभल मस्जिद में हिंसा
उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। दरअसल, संभल मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि शाही जामा मस्जिद उस जगह बनी है, जहां एक समय हरीहर मंदिर था। इसके बाद स्थानीय अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। एएसआई की टीम मस्जिद में सर्वेक्षण के लिए पहुंची थी। इस दौरान हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथरवा कर दिया था और वाहनों में आग लगा दी थी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठी चार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल गए थे।