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24 घंटे में कैसे थम गई बालासोर-मयूरभंज की तबाही? प्रशासन की इस एक चाल ने बदल दिया खेल!

ओडिशा के बालासोर-मयूरभंज में बाढ़ का खतरा टला! 6,100 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि केंद्रीय टीमों और अनुभवी अधिकारियों की बदौलत हालात काबू में। जानें, कैसे ओडिशा ने इस आपदा का सामना किया और हजारों जानें बचाईं।

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Ajit Kumar Pandey
बाढ़ प्रभावित ओडिशा के बालासोर या मयूरभंज जिले में बचावकर्मी पानी में नाव से लोगों को बचाते हुए | यंग भारत न्यूज

ओडिशा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बचाव दल लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाते हुए | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।बालासोर और मयूरभंज में बाढ़ का प्रकोप थम गया है। ओडिशा सरकार के मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि करीब 6,100 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिससे बड़ी त्रासदी टल गई। केंद्रीय टीमें और अनुभवी अधिकारी राहत कार्यों में जुटे हैं। आखिर कैसे ओडिशा ने इस आसन्न खतरे का सफलतापूर्वक सामना किया, जानें इस रिपोर्ट में।

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ओडिशा के बालासोर और मयूरभंज जिलों में बाढ़ का खतरा टल गया है। मानसून की शुरुआत में ही नदियां उफान पर थीं, जिससे हजारों लोगों की जान जोखिम में थी। लेकिन, नवीन पटनायक सरकार की त्वरित कार्रवाई और मजबूत तैयारियों ने एक बड़ी आपदा को टाल दिया। राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने पुष्टि की है कि स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आई है, जो लगातार बारिश और बाढ़ के बढ़ते जलस्तर से चिंतित थे।

हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया

मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि मयूरभंज से लगभग 5,000 और बालासोर से 1,100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि प्रशासन ने कितनी तेजी से और प्रभावी ढंग से काम किया। कल्पना कीजिए, अगर समय रहते ये लोग अपने घरों से नहीं निकाले जाते, तो क्या स्थिति होती? यह एक बड़ा मानवीय अभियान था, जिसे स्थानीय प्रशासन, पुलिस और बचाव टीमों ने मिलकर अंजाम दिया।

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केंद्रीय टीमों और अनुभवी अधिकारियों की तैनाती

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय रियल-टाइम कंट्रोल (RCT) टीमों को तैनात किया गया था। इतना ही नहीं, उन अधिकारियों को भी इन जिलों में दोबारा भेजा गया, जो पहले यहां तैनात रह चुके थे। इससे उन्हें स्थानीय भौगोलिक स्थिति और चुनौतियों को समझने में मदद मिली। यह एक बेहतरीन रणनीति थी, क्योंकि अनुभव हमेशा कठिन परिस्थितियों में काम आता है। क्या आपने कभी सोचा है कि अनुभवी लोगों की मौजूदगी से किसी भी संकट का सामना करना कितना आसान हो जाता है?

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झारखंड से पानी की आवक और संभावित बारिश: भविष्य की चुनौतियां

सुरेश पुजारी ने यह भी बताया कि सरकार झारखंड से आने वाले पानी और बालासोर-मयूरभंज में संभावित बारिश से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है, क्योंकि बाढ़ का खतरा केवल मौजूदा जलस्तर तक सीमित नहीं रहता। पड़ोसी राज्यों से आने वाला पानी और लगातार बारिश स्थिति को कभी भी बदल सकती है। सरकार की यह दूरदर्शिता ही तो है जो ओडिशा को आपदाओं से लड़ने में मदद करती है।

लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता: सरकार का अटूट संकल्प

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मंत्री ने साफ शब्दों में कहा, "लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि सरकार के आपदा प्रबंधन दृष्टिकोण का मूल मंत्र है। ओडिशा ने चक्रवातों और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने में एक लंबा सफर तय किया है। अतीत की सीख ने उन्हें आज और मजबूत बनाया है। जब सरकार इतनी प्रतिबद्धता दिखाए, तो नागरिकों का विश्वास भी बढ़ता है।

बालासोर और मयूरभंज में बाढ़ के दौरान बचाव कार्य

मयूरभंज: 5,000 लोग सुरक्षित निकाले गए।

बालासोर: 1,100 लोग सुरक्षित निकाले गए।

तैनाती: केंद्रीय रियल-टाइम कंट्रोल (RCT) टीमें सक्रिय।

मानव संसाधन: अनुभवी अधिकारियों को पुनः तैनात किया गया।

भविष्य की तैयारी: झारखंड से पानी की आवक और संभावित बारिश पर पैनी नजर।

ओडिशा का आपदा प्रबंधन मॉडल: एक मिसाल

ओडिशा को अक्सर आपदा प्रबंधन में एक रोल मॉडल के रूप में देखा जाता है। उनकी 'जीरो कैजुअल्टी' नीति और पूर्व-खाली कदम (Proactive steps) हमेशा सराहनीय रहे हैं। इस बार भी, बालासोर और मयूरभंज में बाढ़ की स्थिति को जिस तरह से संभाला गया, वह उनकी तैयारियों और त्वरित प्रतिक्रिया का ही परिणाम है। यह सिर्फ सरकार की ही नहीं, बल्कि उन सभी स्वयंसेवकों और बचाव कर्मियों की भी जीत है, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की मदद की। क्या आपको नहीं लगता कि ऐसी कहानियां हमें मानवीयता पर विश्वास दिलाती हैं?

यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रकृति शक्तिशाली है, लेकिन मानव दृढ़ संकल्प और योजना उससे भी अधिक शक्तिशाली हो सकती है। ओडिशा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सही तैयारी और एकजुट प्रयास से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

आपका नजरिया इस खबर पर क्या है? क्या आपको लगता है कि भारत के अन्य राज्य भी ओडिशा के आपदा प्रबंधन मॉडल से कुछ सीख सकते हैं? नीचे कमेंट कर अपनी राय जरूर बताएं!

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