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क्रिकेट की दुनिया में बड़ा भूचाल : HCA अध्यक्ष सहित 5 गिरफ्तार! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में हुए बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो गया है! CID ने आज गुरूवार 10 जुलाई 2025 को अध्यक्ष ए. जगन मोहन राव समेत पांच अहम पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी धोखाधड़ी, जालसाजी और करोड़ों रुपये के सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के आरोपों के बाद हुई है। इस सनसनीखेज मामले ने तेलंगाना के क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया है।
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में चल रहे कथित घोटाले की परतें अब खुलने लगी हैं। सीआईडी (CID) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए HCA के अध्यक्ष ए. जगन मोहन राव सहित पांच प्रमुख व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया है। इन पर जाली दस्तावेज बनाने, धोखाधड़ी करने और आईपीएल (IPL) मैचों के दौरान टिकटों की हेराफेरी सहित सार्वजनिक धन के गबन का गंभीर आरोप है। यह खबर क्रिकेट प्रेमियों और खेल प्रशासकों के बीच तेजी से फैल रही है, जिससे तेलंगाना की खेल राजनीति में हलचल मच गई है।
धोखाधड़ी का जाल और क्रिकेट का काला चेहरा
जांच में सामने आया है कि ए. जगन मोहन राव ने न केवल फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर एचसीए (HCA) अध्यक्ष का पद हथियाया, बल्कि अपने सहयोगियों के साथ मिलकर क्रिकेट क्लबों के नाम पर भी धोखाधड़ी की। सीआईडी के अनुसार, जगन मोहन राव ने सी. राजेंद्र यादव और उनकी पत्नी जी. कविता के साथ मिलकर 'श्री चक्र क्रिकेट क्लब' के जाली दस्तावेज बनाए, जिसे 'गौलीपुरा क्रिकेट क्लब' के नाम से जाना जाता था। इस फर्जीवाड़े में गौलीपुरा क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष सी. कृष्णा यादव के जाली हस्ताक्षर भी किए गए। ये जाली दस्तावेज असली के रूप में इस्तेमाल किए गए, जिससे जगन मोहन राव को धोखे से एचसीए (HCA) अध्यक्ष के रूप में प्रवेश मिल गया। यह सब एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा है, जिसने क्रिकेट की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Crime Investigation Department issues a press note - Basing on the investigation and evidence gathered by CID officers, it is revealed that the accused A. Jagan Mohan Rao, in collusion with C. Rajender Yadav and his wife G. Kavitha, created forged documents of Sri Chakra Cricket… https://t.co/XDjf0OEAAQpic.twitter.com/Zgva3clIwj
— ANI (@ANI) July 10, 2025
आईपीएल टिकट घोटाला और उगाही का खुलासा
मामला सिर्फ फर्जीवाड़े तक सीमित नहीं है। सीआईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि जगन मोहन राव ने एचसीए (HCA) के कोषाध्यक्ष सीजे. श्रीनिवास राव और सीईओ सुनील कांते के साथ मिलकर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया। उन पर आईपीएल एसआरएच (IPL SRH) अधिकारियों को धमकाने, मुफ्त टिकटों और कॉर्पोरेट बॉक्स तक पहुंच को लेकर ब्लैकमेल करने और गंभीर परिणामों की धमकी देने का भी आरोप है। यह सब 'मैलफाइड इंटेंशन' यानी दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया, जिससे क्रिकेट प्रशंसकों और हितधारकों का विश्वास भंग हुआ।
कैसे खुला राज? CID की पैनी नज़र
सीआईडी ने धरम गुरुवा रेड्डी की शिकायत के बाद इस मामले की गहन जांच शुरू की। तेलंगाना क्रिकेट एसोसिएशन (TCA) के महासचिव रेड्डी की शिकायत ने इस पूरे नेक्सस को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जांच अधिकारियों ने सबूत और गवाहों के बयान जुटाए, जिसके बाद ये गिरफ्तारियां संभव हो पाईं। यह दिखाता है कि कैसे एक व्यवस्थित जांच एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश कर सकती है।
गिरफ्तारियों का सिलसिला: कौन-कौन है शामिल?
9 जुलाई 2025 को सीआईडी (CID) टीमों ने निम्नलिखित व्यक्तियों को हिरासत में लिया है:
- ए. जगन मोहन राव, अध्यक्ष, HCA
- जेएस. श्रीनिवास राव, कोषाध्यक्ष, HCA
- सुनील कांते, सीईओ, HCA
- राजेंद्र यादव, महासचिव, श्री चक्र क्रिकेट क्लब
- श्रीमती जी. कविता, अध्यक्ष, श्री चक्र क्रिकेट क्लब
ये गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी भी बड़े पद पर बैठे व्यक्ति को गलत काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इन गिरफ्तारियों के बाद अब मामला अदालत में जाएगा। उम्मीद है कि सीआईडी (CID) इस मामले में और भी गहरे तक जाएगी और सभी दोषियों को सजा दिलाएगी। क्रिकेट प्रेमियों और खेल के शुभचिंतकों को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से खेल में पारदर्शिता आएगी और ऐसे घोटालों पर लगाम लगेगी। यह मामला भारत में खेल प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है और भविष्य के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है।
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) पर लगे इन आरोपों से न केवल स्थानीय क्रिकेट, बल्कि पूरे देश के क्रिकेट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे चलकर क्या मोड़ लेता है और क्या क्रिकेट की दुनिया को ऐसे तत्वों से मुक्ति मिल पाती है।
यह घटना भारतीय खेल प्रशासकों के लिए एक चेतावनी है। खेल में शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे मामले न केवल खेल की छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि युवा खिलाड़ियों और प्रशंसकों का मनोबल भी तोड़ते हैं। आशा है कि इस प्रकरण से सीख लेकर खेल संघ अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करेंगे और भविष्य में ऐसे घोटालों की पुनरावृत्ति नहीं होगी। एचसीए (HCA) अध्यक्ष की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
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